अंधविश्वास ने ली 3 माह की बच्ची की जान, निमोनिया के इलाज के लिए 51 बार गर्म सलाखों से दागा, मौत

Edited By meena, Updated: 02 Feb, 2023 01:40 PM

superstition took the life of a 3 month old girl

मध्य प्रदेश के शहडोल में अंधविश्वास के चलते एक 3 माह की बच्ची की मौत हो गई। दरअसल, निमोनिया के इलाज के नाम पर 3 महीने की बच्ची को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया।

शहडोल(अजय नामदेव): मध्य प्रदेश के शहडोल में अंधविश्वास के चलते एक 3 माह की बच्ची की मौत हो गई। दरअसल, निमोनिया के इलाज के नाम पर 3 महीने की बच्ची को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया। इससे बच्ची की हालत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद इलाज के लिए बच्ची को मेडिकल अस्पताल शहडोल में भर्ती कराया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।

शहड़ोल जिला मुख्यालय पुरानी बस्ती निवासी 3 माह की दुधमुंही बच्ची रुचित कोल जन्म के बाद से ही बीमार चल रही थी। निमोनिया और धड़कन तेज चलने की समस्या हुई तो परिजनों ने इलाज के नाम पर बालिका को गर्म सलाखों से 51 बार दगवा दिया था। इसके बावजूद भी बच्ची के हालत में सुधार नहीं आया बल्कि गर्म सलाखों से दागने के चलते बच्ची और बीमार हो गई,  उसकी हालत ज्यादा बिगड़ती देख परिजनों ने उसे शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विभाग की टीम बच्ची को निगरानी में इलाज हुआ। लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गई।

आपको बता दे कि आदिवासी बाहुल्य शहड़ोल जिले में दगना कुप्रथा जारी है। इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को आज भी गांवों में गर्म लोहे से दागा जाता है। जिसके चलते पूर्व में कुछ बच्चों की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके अभी भी लगातार दगना के मामले सामने आते जा रहे हैं। जबकि प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर दगना कुप्रथा को लेकर जान जागरूकता चलाया जा रहा, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं पड़ रहा, जिसका नतीजा इस तरह के मामले गाहे बगाहे सामने आते जा रहे है। 

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