Edited By meena, Updated: 18 Oct, 2020 03:27 PM
किसान को अन्नदाता कहा जाता है। वह रात दिन अपने खेतों में पसीना बहाता है और अपनी फसल को अपनी संतान की तरह पालता है। एक समय आता है जब उसकी मेहनत रंग लाती है और खेतों में लहलहाती फसल देख वह झूम उठता है। लेकिन फसल कटने से पहले ही अगर उसकी मेहनत पर कोई...
छत्तीसगढ़(वेद तिवारी): किसान को अन्नदाता कहा जाता है। वह रात दिन अपने खेतों में पसीना बहाता है और अपनी फसल को अपनी संतान की तरह पालता है। एक समय आता है जब उसकी मेहनत रंग लाती है और खेतों में लहलहाती फसल देख वह झूम उठता है। लेकिन फसल कटने से पहले ही अगर उसकी मेहनत पर कोई पानी फेर दे या उसके बेटों समान फसल को कोई खराब कर दे तो इससे बड़े दुर्भाग्य की बात उसके लिए और नहीं होती।
ऐसा हुआ है छत्तीसगढ़ के सरगुजा में रहने वाले अशोक विश्वास के साथ। जहां नगर निगम ने आवास निर्माण के लिए कब्जे को लेकर एक किसान की लहलहाती फसल पर जेसीबी चला कर पूरी तरह से नष्ट कर दिया। किसानों का आरोप हैं की नगर निगम ने बिना नोटिस दिए कार्रवाई की गई है।
प्रशासन के इस तुगलकी फरमान पर किसान बेबस निगाहों से लहलहाती फसल को उजड़ता देखता रहा और उसकी आंखें भर गई। जबकि आखों में आसूं लिए किसान ने कहा कि कई सालों से उस जमीन में खेती किसानी का कार्य करता रहा है लेकिन निगम ने एक झटके में उससे उसका सबकुछ छीन लिया। अपनी आंखों के सामने फसल की यह हालत देख किसान बेचारे की आंखे नम हो गई।
इस मामले में मेयर अजय तिर्की ने बताया कि वह जमीन एक साल से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आरक्षित हैं और लोगों को इस बात की जानकारी भी दी गई थी। बावजूद इसके आरक्षित जमीन पर फसल उगाई गई है। हालांकि इस दौरान मेयर अजय तिर्की ने कब्जे को लेकर धान की फसल पर जेसीबी चला कर उसे बर्बाद करने को गलत भी ठहराया हैं।