मम्मी-पापा छोटे भाई को ज्यादा प्यार करते हैं...गलतफहमी में घर से भागा बच्चा, पंजाब से पहुंचा MP, 5 महीने बाद मिला

Edited By meena, Updated: 30 Jan, 2023 05:17 PM

child ran away from home due to misunderstanding reached mp from punjab

पंजाब के भटिंडा मां-बाप का कम प्यार मिलने और छोटे भाई को ज्यादा चाहने से नाराज होकर नाबालिग बच्चा घर से भाग गया, जो घूमते घूमते ट्रेन के जरिए मध्य प्रदेश के छतरपुर पहुंच गया। 4-5 महीने गायब रहने के बाद अब अपने परिवार से मिला है

छतरपुर (राजेश चौरसिया) : पंजाब के भटिंडा मां-बाप का कम प्यार मिलने और छोटे भाई को ज्यादा चाहने से नाराज होकर नाबालिग बच्चा घर से भाग गया, जो घूमते घूमते ट्रेन के जरिए मध्य प्रदेश के छतरपुर पहुंच गया। 4-5 महीने गायब रहने के बाद अब अपने परिवार से मिला है। उसके परिजन उसे लेने पंजाब के (भटिंडा) से छतरपुर पहुंचे हैं। जो बच्चे को पाकर बहुत ही खुश हैं।

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●माता-पिता कम प्यार करते...

बच्चे ने बताया कि एक तो उसके माता-पिता उसे कम प्यार करते थे उसके छोटे भाई को ज्यादा चाहते थे तो वहीं दूसरा उसके कक्षा आठवीं में कम नंबर आए थे जिसके चलते वह डर गया था कि अब घर जाकर उसे डांट-मार पड़ेगी तो वह उसी डर से भागकर ट्रेन में बैठ गया। जाने अनजाने में छतरपुर पहुंच गया जिसे छतरपुर CWC ने बमुश्किल परिजनों से मिलवाया।

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●यह है पूरा मामला...

CWC से मिली जानकारी के मुताबिक दिनांक 12.09.2023 को अज्ञात बालक अजय सिंह (परिवर्तित नाम) पंजाब के भटिंडा से खजुराहो रेल्वे स्टेशन पर मिलने के बाद चाइल्ड लाईन ने न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था। चार माह तक लगातार खोज पड़ताल करने के बाद 26 जनवरी 2023 को बाल कल्याण समिति सदस्य सौरभ भटनागर, सुनीता बिल्थरे, रीता पाठक ने राज्य अपराध शाखा मानव तस्करी निरोधक इकाई पंचकूला हरियाणा एएसआई राजेश कुमार से संपर्क किया जिन्होंने UID में निरस्त आधार पंजीयन के जरिये बालक के परिवार को खोज लिया, उसके बाद जैसे ही परिजनों से मोबाइल फोन पर वीडियो काल कराकर बालक से बात कराई गई तो पहचान स्पष्ट होते ही बालक के पिता और परिजन छतरपुर पहुंच गए जहां बाल कल्याण समिति द्वारा निमुक्ति आदेश जारी कर बालक का परिवार पुनर्वास करने सुपुर्दगी की कार्यवाही की गई है। इस प्रकार के कुल परिवारिक पुनर्वास करने के 38 मामलों में बच्चों को घर भेजा गया है।

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●बच्चे ने बताया...

इस दौरान बालक ने बताया कि पढ़ने में कमजोर होने के कारण उसके आठवीं कक्षा में नंबर कम आए थे डांट और मार के डर से घर से भागकर ट्रेन में बिना टिकट बैठ गया और विभिन्न ट्रेन बदलते शहरों से गुजरते हुए अंततः खजुराहो छतरपुर पहुंच गया था। बालक बताता है कि उसके हाथ में एक चांदी का कड़ा था वह भी किसी ने रास्ते में उससे छीन लिया उसे डर था कि कहीं चांदी के कड़े के चक्कर में उसे नुकसान न पहुंचा दे।

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मामले में बच्चे के पिता कहना है कि उसके घर में 4 लोग- वह उसकी पत्नी, उसके 2 बच्चे हैं। वह कारीगरी करके अपना और परिवार का गुजर बसर करता है। यह मेरा बड़ा बेटा है जो कि गुरुद्वारा गया हुआ था वहां से गायब हो गया जिसकी हमने स्थानीय थाने में रिपोर्ट भी लिखाई थी। अब यह मेरा बेटा 4-5 महीने बाद छतरपुर में मिला है मेरे पास 26 जनवरी को कॉल आया था तो उसे लेने मैं यहां आया हूं। बेटे को गलतफहमी हो गई थी कि मैं उसे चाहता नहीं जिसके चलते वह घर से भाग आया था। CWC के सौरभ भटनागर बताते हैं कि उक्त पूरी कार्यवाही के दौरान एसजीपीओ प्रभारी जयराम तिवारी, आरक्षक अंकिता रावत उपस्थित रहे।

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