Edited By meena, Updated: 08 Mar, 2025 07:31 PM

कभी कल्पना कीजिए कि एक मशीन इंसानों जैसी सोचने लगे, फैसले लेने लगे और हमारी दुनिया को पूरी तरह बदल दे...
जबलपुर (विवेक तिवारी) : कभी कल्पना कीजिए कि एक मशीन इंसानों जैसी सोचने लगे, फैसले लेने लगे और हमारी दुनिया को पूरी तरह बदल दे। क्या यह विज्ञान का चमत्कार होगा या हमारे अस्तित्व के लिए एक नई चुनौती? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज हमारे जीवन में तेजी से प्रवेश कर रहा है-बैंकिंग, चिकित्सा, शिक्षा, रक्षा, यहां तक कि हमारे रोजमर्रा के काम भी एआई संचालित हो रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह तकनीक हमें आगे ले जाएगी या हमारे लिए खतरा बन जाएगी?
यही मुद्दा मध्य प्रदेश के जबलपुर के पीएम महाकोशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता का केंद्र बिंदु रहा, जहां "एआई के फायदे और नुकसान" पर एक रोमांचक चर्चा हुई।
छात्रों की जोरदार बहस: एआई दोस्त या दुश्मन?
इस प्रतियोगिता में कॉलेज के 43 छात्रों ने भाग लिया और अपने तर्कों से मंच को जीवंत कर दिया। कुछ ने एआई को इंसान के लिए वरदान बताया, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर हर क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। वहीं, कुछ ने इसके बढ़ते खतरे-बेरोजगारी, डेटा चोरी और नैतिक सवालों पर गंभीर चिंताएं व्यक्त की।
इस प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक प्राचार्य डॉ. अलकेश चतुर्वेदी और नोडल अधिकारी डॉ. प्रतिमा कुमार थी। जबकि डॉ. कुसुम लता रजक ने पूरे कार्यक्रम का शानदार संचालन किया। निर्णायक मंडल में डॉ. संजमनिशा, डॉ. वंदना जैन और डॉ. कविता शाक्य शामिल रहीं।
प्रतियोगिता के विजेता
गहन बहस और तर्क-वितर्क के बाद परिणाम घोषित किए गए:
पहला स्थान: अनुष्का अवस्थी (एमए द्वितीय सेमेस्टर, अंग्रेजी)
दूसरा स्थान: राहुल सोनी (एमए द्वितीय सेमेस्टर, अंग्रेजी)
तीसरा स्थान: प्रियंका सिंह (बीकॉम द्वितीय वर्ष)
एआई: वरदान या अभिशाप?
एआई ने न केवल जीवन को आसान बनाया है, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, साइबर सिक्योरिटी और एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व बदलाव लाए हैं। लेकिन इसकी बढ़ती ताकत के साथ नैतिकता और सुरक्षा जैसे प्रश्न भी खड़े हो रहे हैं।
इस प्रतियोगिता ने छात्रों को न केवल तकनीकी विषयों पर सोचने का अवसर दिया, बल्कि भविष्य के लिए तैयार होने की सीख भी दी। क्या एआई इंसानों की सबसे बड़ी खोज बनेगा, या उनके अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा? यह सवाल अभी भी खुला है, और इसका उत्तर केवल समय ही देगा।