Edited By meena, Updated: 25 Feb, 2025 05:20 PM
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मध्यप्रदेश सरकार माइनिंग सेक्टर के रेवेन्यू को 5 गुना बढ़ाने पर फोकस कर रही है...
भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार माइनिंग सेक्टर के रेवेन्यू को 5 गुना बढ़ाने पर फोकस कर रही है। अभी यह राजस्व 11 हजार करोड़ का है। इसे 5 साल में बढ़ाकर 55 हजार करोड़ किया जाएगा। यानी आने वाले दिनों में माइनिंग सेक्टर मध्यप्रदेश के विकास का आधार होगा। इसे लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभी तक हम केवल कंपनियों को रॉ मटेरियल ही देते थे, लेकिन आगे जाकर हम अपना प्रोडक्ट भी देंगे। उन्होंने यह बात ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 के दूसरे दिन 25 फरवरी को माइनिंग सेशन में कही।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों के माध्यम से आने वाले समय में प्रदेश को आर्थिक समृद्धि, रोजगार, प्रगति, सामर्थ्यशाली राज्य बनाएंगे। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सारे आयामों को जोड़कर विकास का संकल्प लिया है। मुझे पूरा भरोसा है कि विकास के लिए सबसे बड़ी ताकत अगर कहीं से मिलेगी तो वह माइनिंग सेक्टर से मिलेगी। जब हम अपने माइनिंग सेक्टर की ताकत को तोल कर देखते हैं तो हमें एक अलग अहसास होता है। पूरे देश में मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पत्थर उठाओ तो हीरा निकलता है। पता नहीं परमात्मा की क्या लीला है। कमाल की बात यह भी है कि जहां हीरा निकलता है उस जगह का नाम पन्ना है। इसलिए इस क्षेत्र में भविष्य में पन्ने की भी संभावना होगी।
5 गुना राजस्व बढ़ाने पर फोकस
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में केवल हीरा ही नहीं, बल्कि लाइमस्टोन, डोलोमाइट, मैग्नीशियम, आयरन जैसे खनिजों की भी माइनिंग की बड़ी-बड़ी संभावनाएं हैं। प्रदेश में वो सभी संभावनाएं हैं, जो व्यापार-व्यवसाय के लिए जरूरी हैं। इसके लिए सारी व्यवस्थाओं को पारदर्शी और सरल बनाया गया है। वर्तमान में हमारा रेवेन्यू 11 हजार करोड़ रुपये का है। हम कोशिश कर रहे हैं कि आप सबकी मदद से 5 साल में इसे 5 गुना बढ़ा दें।
इस दिशा में विशेष फोकस
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम चाहेंगे कि राज्य ओडिशा के करीब पहुंच जाए। ओडिशा ने बड़ी छलांग लगाई है। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि अपनी इन नीतियों के बलबूते हम लक्ष्य हासिल कर लेंगे। अभी तक तो हम कंपनियों को केवल रॉ मटेरियल देते थे, अबू रॉ मटेरियल के बजाय हम प्रोडक्ट भी देंगे। यही हमारी कोशिश है। हम विशेष रूप से इस दिशा में काम कर रहे हैं।