Edited By Himansh sharma, Updated: 30 Jan, 2025 06:44 PM
भोपाल। जापान के ओसाका में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निवेशकों, पॉलिसी मेकर्स और उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन में शामिल हुए। ‘मध्यप्रदेश में निवेश के अवसर’ के विषय पर आयोजित इस सेशन में इन्वेस्टर्स को प्रदेश की नई निवेश नीति से लेकर प्रदेश की विशेषताओं, उपलब्धियों की जानकारी दी गई। सेमिनार में मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरें, कला-संस्कृति, पर्यटन, धर्म, जैव विविधता, प्राकृतिक सुंदरता से लेकर यहां के रीति-रिवाज, खान-पान और अन्य विशेषताओं को समेटे एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।
अपने लिए जिए तो क्या जिए...
सीएम डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों की प्रशंसा करते हुए एक गीत की पंक्तियां सुनाईं..’अपने लिए जिए तो क्या जिए.. तू जी ए दिल जमाने के लिए’। उन्होंने कहा कि उद्योगपति अपने से ज्यादा दूसरों के लिए जीवन जीते हैं। हम ऐसे ही उद्योगपतियों को मौका देने आए हैं जिनकी वजह से कई लोगों को रोजगार मिलता है और वे कई लोगों के जीवन के कष्ट मिटाते हैं।
शोषण नहीं दोहन का आमंत्रण
उन्होंने कहा कि निवेश, रोजगार, आर्थिक प्रगति की बात करते हैं तो वैश्विक निवेश के लिए सक्षम तकनीकी साझेदारी और सांस्कृतिक संबंधों का केन्द्र जापान ही है। सरलता, सुगमता, संपन्नता की त्रिवेणी बहती है, जिसके भरोसे से हम भविष्य की बेहतर नींव भरके हम अपने विश्वास को मंजिल तक पहुंचा सकते हैं। जिस तरह जापान में कोई श्रम आधारित समस्या नहीं है उसी प्रकार मध्यप्रदेश में भी निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। यहां जापान की ही तरह व्यवसाय के लिए सभी प्रकार की सुगमता और अनुकूलता है। वन संपदा, जल संपदा, खनिज संपदा, मानव संपदा सभी प्रकार की व्यवस्थाओं हैं लेकिन हम आपको इन संपदाओं के शोषण नहीं बल्कि दोहन के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। क्योंकि हम भी भगवान बुद्ध के संदेश पर ही काम करते हैं
मध्यप्रदेश में निवेश के लिए गिनाईं विशेषताएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज देश की सबसे क्लीन सिटी इंदौर और सबसे क्लीन राजधानी भोपाल दोनों मध्यप्रदेश में हैं। साथ ही हमारे पास उद्योग लगाने के लिए पर्याप्त लैंड बैंक है। इतना ही नहीं सड़क, रेल और हवाई कन्क्टिविटि के जरिए पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रदेश में औद्यौगिक कारिडोर, एट लेन सुपर एक्सप्रेस वे दिल्ली से मुंबई को जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश से गुजरता है। अटल प्रगति पथ समेत देश के चारों हिस्सों को जोड़ने के कारिडोर प्रदेश से गुजरते हैं इससे कोई भी निवेशक समय रहते अपना उत्पाद देश के अन्य राज्यों के साथ आस-पास के अन्य देशों में भी अपना उत्पाद पहुंचा सकते हैं। मध्यप्रदेश से निकलने वाले हाईवे हमें पूरे भारत से जोड़ते हैं। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। यहां का शरबती गेंहू, बासमती चावल, दलहन, तिलहन और मिलेट्स उत्पादन में प्रदेश का अलग स्थान है।
प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक पार्क
प्रदेश में 300 से अधिक सभी सुविधाओं से लैस औद्यौगिक पार्क है। इनमें फूड, आईटी पार्क, मसाले, मेडिकल डिवाइस, सोलर इक्यूपमेंट, प्लास्टिक, फुटवियर, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल्स, ईवी, गारमेंट यूनिट, सेमीकंडक्टर पार्क समेत कई क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। हम निवेशकों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए मध्यप्रदेश को तत्पर कर रहे हैं। जब मजबूत आधारभूत संरचना की बात हो तो औद्योगिक नीतियां स्पष्ट होनी चाहिए साथ ही प्रगतिशीलता भी नजर आनी चाहिए ।
रोजगार परक उद्योग स्थापित करना प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि निवेशकों के सपनों को पंख देने के लिए हम हर कदम उठाने को तैयार हैं। इसीलिए 25 से अधिक आकर्षक नई निवेश नीतियां तैयार की हैं। लेकिन इससे भी अलग जाकर कोई फैसला लेना पड़ा तो हम लेंगे। मेडिकल सेक्टर में हॉस्पिटल निर्माण और मेडिकल कॉलेज के लिए पीपीपी मॉडल पर हम फ्री जमीन दे रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर में भी मेडिकल कॉलेज खोलने पर सरकार निशुल्क जमीन दे रही है। साथ ही टूरिज्म के क्षेत्र में 100 करोड़ के निवेश पर 40 करोड़ की सब्सिडी ली जा सकती है। रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में लागत से दो सौ प्रतिशत सरकार रिटर्न कर रही है। इसमें श्रमिकों को इंसेटिंव सरकार देगी। लेकिन हमारी एक ही प्राथमिकता है कि सभी उद्योग रोजगार परक होने चाहिए।
भारत का बिछड़ा भाई लगता है जापान
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अपने संबोधन में कहा कि जापान तो भारत का बिछड़ा भाई लगता है जिसके साथ हमारी मुलाकात हो रही है। कई प्रकार से जापान और भारत में समानताएं नजर आती हैं। चाहे बात हमारी बौद्धिक दृष्टि की हो, भगवान गौतम बुद्ध की हो, एशिया के भागीदार होने के नाते और सूर्य नारायण की संस्कृति से जुड़े देश जापान और भारत हैं। दुनिया के किसी और देश से हमारा इतना लगाव नहीं है जितना जापान से है। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि जापान अपनी कर्मठता, कर्मशीलता के लिए जाना जाता है। जापान के लोगों को न केवल काम की गुणवत्ता बल्कि अपनी आनंदमयी जीवन शैली के लिए भी पहचाना जाता है। उन्होंने कहा दुनिया में भले ही दो सौ देश हैं लेकिन जापान वो देश है जहां सूर्य से आंखें मिलाकर आंखें खुलती हैं। जापान और भारत दोनों देश सूर्य को आधार मानते हैं।