108 फीट ऊंची आचार्य शंकर की मूर्ति का CM शिवराज ने किया अनावरण, संतों के साथ परिक्रमा भी की

Edited By meena, Updated: 21 Sep, 2023 06:18 PM

cm shivraj unveiled the statue of acharya shankar

महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर में आज आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का  लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों किया गया...

खंडवा(निशात सिद्दीकी): महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर में आज आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का  लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों किया गया। ओंकारेश्वर में निर्माण होने वाले एकात्मधाम के पहले चरण में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची बहुधातु से निर्मित एकात्मता की मूर्ति का अनावरण कर अद्वैत लोक का शिलान्यास किया।

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एकात्मता की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम प्रमुख संतों की उपस्थिति में भव्यता के साथ हुआ। इसमें शंकर संगीत वेदोच्चार, आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य प्रस्तुति "शिवोहम" तथा आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा प्रकाशित "एकात्म धाम" और अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इतना ही नहीं आशुतोष गौरीकर द्वारा निर्मित फिल्म "एकात्मकता की यात्रा" का प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान साधु संतों को लेकर ब्रह्मोत्सव कार्यक्रम भी किया गया जिसमें अद्भुत शास्त्रीय संगीत पर आधारित नृत्य का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संतों और आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जब उन्होंने नर्मदा यात्रा निकाली थी तभी नर्मदा अष्ट की रचना करने वाले आदि गुरु शंकराचार्य के बारे में उन्होंने अध्ययन किया और संकल्प लिया कि नर्मदा तट पर एकात्मता का संदेश देने वाले आदि गुरु का एकात्म धाम का निर्माण किया जाएगा।

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‘एकात्म धाम’ में आचार्य शंकर की बाल रूप में 108 फीट की ‘एकात्मता की मूर्ति’ केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि यह ऊर्जा का ऐसा स्त्रोत सिद्ध होगी। जहां से संपूर्ण विश्व मानवता के उत्थान के लिए गुरु ज्ञान प्राप्त करेगा। यहां निर्मित 12 वर्षीय शंकर की मूर्ति उस समय की है जब श्री गुरु गोविंदपाद ने भगवतपाद श्री शंकर को काशी की दिशा में जाने का आदेश देते हुए कहा कि, जाओ सनातन वेदान्त अद्वैत परंपरा की पुनः स्थापना करो।

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आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची मूर्ति के अनावरण से पहले मान्धाता पर्वत पर उत्तरकाशी के स्वामी ब्रहोन्द्रानन्द तथा 32 संन्यासियों द्वारा प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण और दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति पूजन तथा 21 कुंडीय हवन किया गया। एकात्मता की मूर्ति का अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला पूजन दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में संपन्न  हुआ।

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