Edited By Vikas kumar, Updated: 18 Aug, 2019 05:24 PM
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कमिश्नर प्रणाली को लागू करने का वादा किया था। भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करना कांग्रेस के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है..
भोपाल: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कमिश्नर प्रणाली को लागू करने का वादा किया था। भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करना कांग्रेस के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इस प्रोजेक्ट को लागू करने में कांग्रेस सरकार के आठ मुख्यमंत्री नाकाम रहे हैं। ऐसे में सीएम कमलनाथ के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है। करीब 31 साल पहले कमिश्नर प्रणाली को लागू करने का प्रस्ताव पारित हुआ था।
आपको बता दें कि 15 का वनवास खत्म कर कांग्रेस सत्ता में आई है। ऐसे में कमिश्नर प्रणाली का लागू करने की उम्मीद सीएम कमलनाथ से लगाई जा रही है। वहीं सरकार भी इस मामले पर गंभीर दिखाई दे रही है और इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रही है। लेकिन प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि आईएएस लॉबी इसे लागू नहीं होने देना चाहती है। यही कारण है कि बार-बार प्रस्ताव बनने का बाद भी ठंडे बस्ते में चला जाता है। जानकारी के मुताबिक डीजीपी नटराजन ने सबसे पहले इंदौर और भोपाल में यह सिस्टम लागू करने के लिए सिफारिश की थी। प्रस्ताव में नटराजन ने बताया था कि राज्य में कुछ नौकरशाहों ने अपने निहित स्वार्थों के कारण प्रशासनिक वय्वस्था में परिवर्तन के हर प्रयासों को रोकने का काम किया है।
घोषणा पत्र में कांग्रेस ने किया वादा
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में प्रदेश में कमिश्नर प्रणाली लागू करने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार के सामने यह मुद्दा चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक नौकरशाह इस फैसले को लागू होने के पक्ष में नहीं है। लेकिन दूसरे ओर प्रदेश में आईपीएस अफसरो की कमी के कारण यह संभव
नहीं हो पा रहा है।