अवैध रेत उत्खनन को लेकर गोपाल भार्गव ने CM को लिखा पत्र, दी अनशन की चेतावनी

Edited By meena, Updated: 29 Aug, 2019 01:23 PM

gopal bhargava wrote a letter to cm regarding illegal sand mining

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश में हो रहे अवैध रेत उत्खनन पर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीएम कमलनाथ के नाम के पत्र लिखकर शासन को हो रही राजस्व हानि को बारे में बताया और चेतावनी दी है कि अगर प्रदेश में अवैध उत्खनन पर रोक...

भोपाल(इजहार हसन खान): विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश में हो रहे अवैध रेत उत्खनन पर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीएम कमलनाथ के नाम के पत्र लिखकर शासन को हो रही राजस्व हानि को बारे में बताया और चेतावनी दी है कि अगर प्रदेश में अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगी तो वो कार्यकर्ताओं के साथ सीएम हाउस के बाहर अनशन करेंगे और ये अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लग जाती है। उन्होंने रेत उत्खनन मामले में जुर्माना बढ़ाने व रेत के अवैध कारोबार में नेता समेत अफसरों के भी लिप्त होने की बात भी कही। 

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नेता प्रतिपक्ष पत्र में लिखा है कि आपकी सरकार के ही वरिष्ठ सदस्य सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह द्वारा प्रदेश में अवैध उत्खनन के बारे में जो पीड़ा जाहिर की है। वह उनकी अंतरात्मा की आवाज है। प्रदेश की खनिज संपदा विशेषकर नदियों से निकलने वाली रेत अब सोना बन चुकी है। इस अवैध रेत उत्खनन में रसूखदार नेता, पुलिस व प्रशासन, खनिज विभाग सहित जिलों के कलेक्टर, एस पी और वरिष्ठ अधिकारी सभी शामिल है। प्रतिदिन लगभग एक अरब (100 करोड़) रुपए की राशि रेत के अवैध उत्खनन से कमाई जा रही है जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक सभी लोग इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जैसा कि आपके वरिष्ठ मंत्री ने अपनी पीड़ा में व्यक्त भी किया।

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जिस तरह से रेत का कारोबार फलफूल रहा है उस लिहाज से शासन को राजस्व की प्राप्ति नही हो रही है। शासन के खाते में रेत से प्राप्त होने वाली वास्तविक कमाई का एक प्रतिशत ही मुश्किल से पहुंच पा रहा है। शासन एवं प्रशासन ने प्रदेश के 52 जिलों में पिछले 6 महीनों में हुई कार्यवाही में मात्र 3 करोड रुपए की वसूली की है। जिस प्रकार से रेत का अवैध उत्खनन एवं बिक्री हो रही है और प्रदेश की नदियों का सीना छलनी करके बड़ी-बड़ी मशीनों से उत्खनन हो रहा है। कम से कम जुर्माने की राशि 1 हजार गुना अधिक होकर, 3 हजार करोड़ रुपए होनी थी। यह भी तय है कि प्रदेश की राजनीति को ऐसे लोग ही संचालित करेंगे। इस कारण राज्यहित में अविलंब निर्णय लिया जाना नितांत आवश्यक है। मुख्यमंत्री जी अगर आप अवैध उत्खनन को लेकर कार्रवाई नही करते है तो आगे विरोध ओर तेज होगा। 

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