Edited By meena, Updated: 03 Sep, 2025 06:31 PM

मध्यप्रदेश का खंडवा शहर एक बार फिर प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में है...
खंडवा (मुश्ताक मंसूरी) : मध्यप्रदेश का खंडवा शहर एक बार फिर प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में है। महाराष्ट्र एटीएस ने स्थानीय पुलिस की मदद से दो सितंबर को यहां दबिश दी और चार मुस्लिम युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। लंबी पूछताछ के बाद युवकों को छोड़ दिया गया, जबकि एक युवक को खंडवा पुलिस ने हथियारों सहित पकड़ लिया है।
हथियारों सहित गिरफ्तार जलील खिलजी
एसपी मनोज कुमार राय ने बताया, गिरफ्तार युवक मोहम्मद जलील खिलजी (34 वर्ष, निवासी गुलमोहर कॉलोनी) सिमी के स्थानीय मुखिया और भोपाल जेल ब्रेक कांड में मुठभेड़ में मारे गए आतंकी अकील खिलजी का बेटा है। जलील के पास से एक देसी पिस्टल, एक मैगजीन और सात जिंदा कारतूस बरामद किए गए। जब्त हथियारों की कीमत लगभग 25 हजार रुपये आंकी गई है। जलील पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2011, 2012 और 2015 में उस पर भड़काऊ भाषण, आर्म्स एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत प्रकरण कायम किए गए थे।
हाल की घटनाएं दिखाती हैं पैटर्न
खंडवा पिछले एक दशक से खुफिया एजेंसियों की नजर में रहा है। हाल ही में इस तरह की कई कार्रवाइयां हुईं--
महाराष्ट्र एटीएस की गिरफ्तारी (2 सितंबर 2025): हाल की कार्रवाई में एटीएस ने जलील खिलजी और एक अन्य युवक जुनेद को अवांछनीय गतिविधियों की शंका में पूछताछ की।
कोलकाता एसटीएफ की कार्रवाई (जनवरी 2023): कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खंडवा निवासी सिमी के पूर्व सदस्य अब्दुल रकीब को पकड़ा था। उस पर तीन मामले दर्ज थे और उसे अदालत से सजा भी हो चुकी थी।

NIA की दबिश: खंडवा में सिमी सदस्य रकीब कुरैशी के घर पर NIA ने छापा मारकर दो घंटे तक तलाशी ली थी और परिजनों से पूछताछ की थी। भोपाल पुलिस की कार्रवाई: वर्ष 2014 में भोपाल की केंद्रीय जेल में बेहतर भोजन की मांग को लेकर हंगामा करने वाले सिमी के दो सदस्यों को खंडवा से पकड़ा गया था।
खंडवा क्यों है एजेंसियों के निशाने पर?
खंडवा लंबे समय से सिमी नेटवर्क का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से पहले भी कई बड़े सिमी सदस्य पकड़े गए हैं और कई आतंकी घटनाओं की कड़ियां भी यहीं से जुड़ी रही हैं। यही वजह है कि खुफिया एजेंसियां समय-समय पर यहां सक्रिय रहती हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए रखती हैं।