Edited By meena, Updated: 20 Mar, 2025 05:53 PM

रंगपंचमी पर सरकार की ओर से ड्राई डे घोषित किया जाता है, लेकिन सरकार के आदेशों की परवाह शराब ठेकेदार कितनी करते हैं...
रतलाम (समीर खान) : रंगपंचमी पर सरकार की ओर से ड्राई डे घोषित किया जाता है, लेकिन सरकार के आदेशों की परवाह शराब ठेकेदार कितनी करते हैं, इसका अंदाजा इन तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है। रतलाम में ड्राई डे पर शराब की दुकानें बंद होने के बावजूद भी शराब के ठेकेदार ने खुलेआम सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई। इन शराब ठेकेदार ने दुकान के पिछले वाले रास्ते, खिड़कियों से जमकर शराब बेची और मुनाफा कमाया। इसके साथ ही आबकारी नियंत्रण कक्ष के कुछ दूरी पर भी एक होटल वाले ने शाम होते ही जमकर शराब बेची। वही इन सबकी जानकारी आबकारी अमले को भी दी गई लेकिन अपनी ढीले रवैया के कारण अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर सके। लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी के ठेकेदार द्वारा धड़ल्ले से शराब बेची गई। ठेकदार में ना आबकारी का डर दिखा ना पुलिस का खौफ और वह खुलेआम शराब बेचते नजर आए।
गौरलतब है कि बुधवार को रंगपंचमी पर्व को लेकर जिले में ड्राई डे घोषित किया गया था। जिसको लेकर सरकारी आदेश के तहत दुकानें बंद रखी गई थी। शहर में दिनभर तो शराब दुकानें बंद रही, लेकिन शाम होते ही इन्हीं के बाहर शराब के शौकीनों की महफिल सज गई। ड्राई डे होने के बावजूद शहर की महू रोड स्थित दुकान पर खुलेआम शराब की बिक्री हुई। वही पुलिस जवानों ने दो बार शराब सेल्समैन को शराब ना देने की समझाइश दी गई। लेकिन पुलिस के जाते ही सेल्समेन द्वारा फिर से शराब बेचना शुरू कर दिया गया। इस दौरान पुलिस जवान को शराब ले जाने वाले के पीछे दौड़ लगानी पड़ी।
शराब ठेकेदार ने आबकारी और पुलिस विभाग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। दिखावे के तौर पर दुकान का शटर बंद रखा गया, लेकिन दुकान की साइड वाली गली में दुकानें के पीछे वाले रास्ते से शराब की बिक्री होती रही। बुधवार को रंगपंचमी पर शहर में ड्राइ-डे था। इस बीच, दिन भर शराब की दुकानें बंद रही। लेकिन जैसे-जैसे शाम हुई तो शराब पीने वाले और बेचने वाले दोनों ही ठेकों के बाहर मंडराने लगे। इसके साथ ही स्टेशन रोड स्थित एक होटल वाले ने भी खूब शराब बेची। शराब ठेकेदार ने सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर शराब की बिक्री की।

आबकारी अधिकारी को फोन लगाकर दी जानकारी
ड्राई डे के दिन स्टेशन रोड स्थित एक होटल पर अवैध रूप से शराब बेची जा रही थी जिसको लेकर शाम करीब 7.30 बजे आबकारी अधिकारी पुष्पराज सिंह चौहान को फोन कर जानकारी दी गई लेकिन उनके द्वारा मामले को देख लेने की बात की गई। इस दौरान यहां सूचना पहुंच गई और शराब बेचने वाले ने शराब बेचना बंद कर दिया और 9 बजे के बाद शराब देने की बात कही। इसके साथ ही रात 9 बजे के आसपास आबकारी अधिकारी को फोन कर महू रोड स्थित शराब दुकान पर अवैध रूप से शराब बेचने की जानकारी दी गई। जिसपर भी अधिकारी द्वारा दिखवा लेने की बात कही लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस जवान लगाते रहे दौड़, आबकारी अमला नहीं जागा
अवैध शराब को लेकर एक तरफ जहां आबकारी अमला नींद में सोता रहा और सूचना होने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं पुलिस गश्त करने वाले जवानों ने अवैध शराब बेचने वालों पर नज़रें बनाए रखी। महू रोड स्थित शराब दुकान के बाहर जब शराबियों भीड़ देखी तो पुलिस जवानों के द्वारा इन्हें तीतर- बीतर किया गया और शराब दुकान वाले को शराब नहीं बचने की समझाइश दी गई। यहां पर पुलिस के जवानों द्वारा दो बार शराब दुकान वाले को अवैध रूप से शराब नहीं बेचने की चेतावनी दी गई। लेकिन शराब ठेकेदार के द्वारा पुलिस के जाते ही वापस शराब बेचना शुरू कर दी गई। इससे अब सवाल यही उठता है कि एक तरफ पुलिस शराब दुकान कर्मचारियों को समझाइश देती नजर आई वहीं आबकारी अमला इस पूरे मामले से दूरी बनाता नजर आया। मामले में जब आबकारी अधिकारी शादाब अहमद सिद्दीकी से संपर्क करना चाहा तो उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया। इस संबंध में उनको व्हाट्सएप पर मैसेज करके जानकारी लेनी चाही लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।