अपनी ही पार्टी नेताओं से परेशान दिखे दिग्विजय सिंह, दे डाली नसीहत

Edited By meena, Updated: 15 Mar, 2025 01:22 PM

digvijay singh looked upset with his own party leaders

गुटबाज़ी के आरोपों से घिरे एमपी कांग्रेस के नेताओं को पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बड़ी नसीहत दी है..

भोपाल (इज़हार ख़ान) : गुटबाज़ी के आरोपों से घिरे एमपी कांग्रेस के नेताओं को पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बड़ी नसीहत दी है। दिग्विजय सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एमपी कांग्रेस नेताओं को खरी खरी सुनाई गई है। पोस्ट की ख़ास बात यह गई कि पोस्ट में जीतू पटवारी और उमंग सिंघार को टैग किया गया है। पोस्ट में इशारों इशारों में गुटबाज़ी पर लगाम लगाने की नसीहत देते हुए मंच की लड़ाई ख़त्म करते हुए जनता के लिए महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ आवाज़ उठाने और सरकार से लड़ाई लड़ने की नसीहत दी गई है।

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क्या है मामला

दरअसल 10 मार्च को एमपी कांग्रेस ने भोपाल में किसान कांग्रेस के बैनर तले विधान सभा घेराव का कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें शामिल होने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी भी भोपाल पहुंचे थे। तय कार्यक्रम अनुसार कांग्रेसी रंग महल चौराहे पर इकट्ठा हुए और वहां से विधानसभा जाने का प्रोग्राम था। रंग महल चौराहे पर एक विशाल मंच भी बनाया गया था। जिससे कांग्रेस नेता कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेसजनों को संबोधित कर रहे थे। हालांकि ओवरलोड होने की वजह से मंच टूट गया था जिसमें कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को चोट आई थी। मंच टूटने मामले में पुलिस से शिकायत की गई और मंच लगाने वाले टैंट व्यवसाई पर एफ़आईआर भी दर्ज की गई है।

दिग्विजय ने पोस्ट को शेयर कर की पोस्ट

वही घटना के बाद कांग्रेस नेता सुनील कुमार आदिवासी ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि धरना प्रदर्शन के दौरान मंच का टूटना केवल एक संयोग नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण संदेश है। अब नेताओं को मंच की ऊंचाई से नहीं, बल्कि जनता के बीच ज़मीन पर बैठकर उनकी समस्याओं को समझना और सुलझाना होगा। जनता संघर्ष कर रही है, सड़कों पर उतर रही है, और ऐसे में नेताओं की ज़िम्मेदारी है कि वे केवल भाषण तक सीमित न रहें, बल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों। कुछ नेताओं की अनुशासनहीनता और मंच पर अव्यवस्था ने यह साबित कर दिया कि अब मंच की होड़ नहीं, बल्कि जनता के बीच जाकर काम करने की जरूरत है। पार्टी नेतृत्व को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि अनुशासन सर्वोपरि है। नेतृत्व का मतलब केवल मंच से भाषण देना नहीं, बल्कि जनता के साथ चलना, उनके सुख-दुख में सहभागी बनना और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करना है। हालांकि सुनील ने यह भी स्पष्ट भी किया कि यह उनके निजी विचार है। सुनील ने इस पोस्ट में राहुल गांधी, जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह को टैग किया था जिसके जवाब ने दिग्विजय सिंह सुनील की पोस्ट पर को शेयर करते हुए एमपी के कांग्रेस नेताओं को बड़ी नसीहत दे डाली।

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