Edited By meena, Updated: 29 Jan, 2025 08:21 PM
बड़वानी जिला मुख्यालय पर मंगलवार की शाम को जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा बड़वानी शहर के रेवा सर्कल पर चलित मोबाइल कोर्ट लगाया..
बड़वानी (संदीप कुशवाहा) : बड़वानी जिला मुख्यालय पर मंगलवार की शाम को जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा बड़वानी शहर के रेवा सर्कल पर चलित मोबाइल कोर्ट लगाया गया। जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट सीता कन्नौजे के नेतृत्व में न्यायाधीशों, पुलिस पदाधिकारियों द्वारा दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान बड़वानी विधायक राजेंद्र मंडलोई के वाहन के दस्तावेज नहीं होने पर 5,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी के वाहन पर लगे हुटर एवं नेमप्लेट को हटवाया एवं उस पर लगाया 3000 रूपये का जुर्माना लगाया गया।
इसके अलावा जांच के दौरान तहसीलदार, राजपुर एवं नायब तहसीलदार के नवीन पद पर झाबुआ पदभार ग्रहण करने जा रहे चयनित नायब तहसीलदार तथा विद्युत्त विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं जिला चिकित्सा अधिकारी की गाड़ियों के दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने पर उन पर जुर्माना लगाया। साथ ही दो पहिया वाहन में 3-3 सवारी बैठकर जा रहे थे, वाहन चेकिंग के दौरान उनके कागजात नहीं होने से उन पर भी जुर्माना लगाया। चैकिंग के दौरान, बड़वानी जिले में चल रही यात्री बस, स्कूल बस में दस्तावेज नहीं पाये गये, जिन पर भी जुर्माना लगाया गया। चेकिंग के दौरान 39 चालान काटे गये और कुल 27,000 रूपये का जुर्माना लगाया गया।
मोबाइल कोर्ट की कार्यवाही से आम जनता को यह पता चला कि, शासकीय विभाग के क्लॉस-1 के पद पर पदस्थ व्यक्ति वाहनों में बैठकर यात्रा करते हैं, इसी तरह यात्री बस, स्कूल बस जिनमें कि, हजारों संख्या में सवारियों ले जाई जाती है, बस के दस्तावेज रखना अनिवार्य होता है। उसके बावजूद भी वाहनों के मालिक दस्तावेज नहीं रखते हैं, जिससे दुर्घटना इत्यादि घटित होती है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को वाहन का बीमा नहीं होने से कोई न्याय नहीं मिलता है।
प्रत्येक व्यक्त्ति जो वाहन का मालिक है और उपयोग करता है, उसका दायित्व है कि अपने वाहन से संबंधित सारे दस्तावेज बनाकर रखे, किन्तु अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं, जिसका परिणाम बुरा ही होता है। मोबाइल कोर्ट की कार्यवाही से आम जनता को यह जानकारी मिली कि, वाहन मालिकों द्वारा दस्तावेज नहीं रखने पर अपराध माना जाता है और उन्हें दण्ड भी दिया जाता है। इस तरह की कार्यवाही होते रहने की आम जनता अपेक्षा करती है।