Edited By Himansh sharma, Updated: 29 Aug, 2024 09:52 AM
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कमर्शियल ऋण शाखा में एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की खबर ने हड़कंप मचा दिया है।
ग्वालियर। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कमर्शियल ऋण शाखा में एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की खबर ने हड़कंप मचा दिया है। खबर है, कि ग्वालियर और जबलपुर मंडल को होल्ड करने वाले एक बड़े अधिकारी ने एक कॉर्पोरेट फर्म से रिश्वत लेकर एक बड़ा लोन जारी कर दिया, इस रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर लगभग 10 लाख रुपये संबंधित अधिकारी के पास पहुंच भी गए। खबर तो ये भी है, कि ये लेनदेन एक सीए और सहायक महाप्रबंधक (SME) के माध्यम से किया गया है। पंजाब केसरी के सूत्रों के मुताबिक, संबंधित अधिकारी ने इस पूरी प्रक्रिया को बेहद ही सफाई के साथ अंजाम दिया, और जिस भी कनिष्ठ अफसर या कर्मचारी ने इस लोन कांड में उनके सहयोग से आनाकानी की, उसे मुख्य महाप्रंबधक के नाम की धमकी देकर शांत करवा दिया। सूत्रों का तो यहां तक कहना है, कि इस अफसर ने कई कर्मचारियों को यहां तक कह दिया, के मामले से जुड़ा आदेश भोपाल में बैठे उच्च अधिकारियों का है, अगर ये काम नहीं किया तो निपटा दिए जाओगे।
पंजाब केसरी के सूत्रों ने इस विषय में एक गंभीर जानकारी देते हुए कहा, कि फिलहाल कमर्शियल शाखा में MSME ऋण स्वीकृत करवाने की एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत ली जा रही है, और इस पूरे मामले में उच्च अफसरों के साथ भोपाल मंडल की चुप्पी कहीं न कहीं उनकी भूमिका को भी संदिग्ध बनाती है। इसके साथ ही ये सवाल भी खड़े होने लगे हैं, कि भारतीय बैंकों को चूना लगाने वाले माल्या और नीरव जैसे कॉर्पोरेटर अब मध्यप्रदेश से तो सामने नहीं आ जाएंगे। वैसे इस मामले से जुड़ी अन्य कड़ियों पर भी जब गौर किया गया, तो ग्वालियर मंडल से जुड़ी कई और अनियमितताएं भी सिर उघाड़ती नजर आई। जिनके बारे में जानकर एक बार के लिए आप भी चौक जाएंगे।
• जिस कार कंपनी से बैंक ने 4 साल पहले एक्जिट होने का फैसला लिया था, उसे एकाएक 100 करोड़ का एक्सपोजर दे दिया।
• एक फर्म जिसे LHO की क्रेडिट टीम ने अस्वीकार कर दिया, उसके लिए ग्वालियर AO ने 20 करोड़ का लोन दे दिया।
• इंडस्ट्रियल एस्टेट शाखा में SBI लाइफ के नाम पर करोड़ों की जालसाजी, कर्मशियल संपत्ति पर रिहाइशी लोन देने के भी आरोप।
• क्षेत्र में लगातार बढ़े NPA के मामले ने तमाम जिम्मेदार अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े किए, लेकिन कोई जांच नहीं।
ऐसा नहीं है, कि इन तमाम अनियमितताओं को लेकर उच्च प्रबंधन को कोई जानकारी नहीं है। कभी खबरों के तौर पर तो कभी आंतरिक शिकायतों के माध्यम से ये अनिमितताएं भोपाल और दिल्ली में बैठे अफसरों की आंखों के सामने तक पहुंचती रहती है, लेकिन इसके बाद भी उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती। हालांकि ये बात जरूर सामने आ जाती है, कि जिस किसी अफसर ने ग्वालियर क्षेत्र में हो रही इन अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की, उसे इनाम के स्वरूप में तबादला मिलने में वो अधिकारी बिल्कुल भी देर नहीं लगाते। हालांकि पंजाब केसरी अब इस मामले में जल्द ही जिम्मेदारों के पास भी जाएगा, और हर उस सवाल को लेकर उनसे जवाब मांगा जाएगा, जो इन दिनो एसबीआई के ग्वालियर मंडल में तमाम अनियमितताओं के तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।
मोहन कैबिनेट के 2 मंत्रियों के रडार पर भी आई गड़बड़ी
ग्वालियर SBI की कॉर्पोरेट शाखा की तमाम जालसाजियों की भनक ग्वालियर चंबल अंचल के दो कद्दावर मंत्रियों को भी लग चुकी है, खबर है, कि फिलवक्त कथित तौर पर दोषी अफसरों को सबक सिखाने के लिए मंत्री महोदय ने कमर कस ली है, और तो और इसे विधानसभा के पटल पर भी उठाने की तैयारी की जा रही है। अगर ऐसा होता है, कि ये संभवत: मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश के बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी ऐसी गिनी चुनी गड़बड़ियों में एक होगा, जिस पर राजनीतिक बवाल सामने आता दिख रहा है।