Edited By Desh sharma, Updated: 21 Aug, 2025 05:57 PM

मध्य प्रदेश में इन दिनों जो मामला सबसे ज्यादा चर्चा में छाया है वो है अर्चना तिवारी। एक छात्र नेत्री से लेकर वकील तक की कहानी कम दिलचस्प नहीं है लेकिन ये लड़की जिस तरह से सुर्खियों में आई वो कम हैरान करने वाला नहीं है।
MP डेस्क: मध्य प्रदेश में इन दिनों जो मामला सबसे ज्यादा चर्चा में छाया है वो है अर्चना तिवारी केस। एक छात्र नेत्री से लेकर वकील तक की कहानी कम दिलचस्प नहीं है लेकिन ये लड़की जिस तरह से सुर्खियों में आई वो भी कम हैरान करने वाला नहीं है। दरअसल इस कांड की कहानी अर्चना की शादी फिक्स करने के साथ ही शुरु होती है। अर्चना किसी भी कीमत पर शादी नहीं करना चाहती थी लेकिन घरवालों ने अल्टीमेटम दे दिया था कि कैरियर छोड़कर शादी ही करनी है। बस यहीं से अर्चना ने सारा प्लान बना लिया था कि क्या करना है। 2 साल तक जबलपुर में प्रैक्टिस करने के बाद वो इंदौर में 1 साल से वकालत कर रही थी।
परिवार वाले का शादी का दवाब बना रहे थे। 4 से 5 शादी के प्रपोजल भी आ चुके थे..और इसी बीच अर्चना के बड़े ताऊ ने एक पटवारी से उसकी शादी तय कर दी। घरवालों ने फोन करके बता दिया था कि पढ़ाई छोड़कर शादी ही करनी है। लेकिन अर्चना के दिल में कुछ और था। शादी फिक्स करने को लेकर उसकी परिवार से अच्छी खासी कहासुनी हुई। परिवार का इरादा सख्त था और वो किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटना चाहते थे। यही से अर्चना ने भी सारा कुछ सोच लिया था कि आगे क्या करना है। पूरे मामले पर उसने सुजालपुर के अपने 26 साल के दोस्त सारांश से बात की।
सारांश से अर्चना की मुलाकात तब हुई थी जब वो दोनों एक ही ट्रेन मे जा रहे थे। आमने सामने का रिजर्वेशन था और अर्चना किसी मामले पर लेकर बात कर रही थी। यहीं से दोनों में दोस्ती की शुरुआत हुई थी। पूरी प्लानिंग हरदा में बैठकर हुई जहां अर्चना के साथ सारांश और ड्राइवर तेजिंदर ने पूरी योजना पर काम किया। दरअसल मध्य प्रदेश में तहलका मचाने वाले इस कांड के पीछे की वजह सिर्फ अर्चना तिवारी का शादी से बचना और अपनी मर्जी से जिंदगी जीना था..