Edited By meena, Updated: 20 Aug, 2025 03:10 PM

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित अर्चना तिवारी मिसिंग केस से पर्दा उठ गया है। 29 साल की सिविल जज की परीक्षा की तैयारी कर रही स्टूडेंट...
भोपाल : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित अर्चना तिवारी मिसिंग केस से पर्दा उठ गया है। 29 साल की सिविल जज की परीक्षा की तैयारी कर रही स्टूडेंट अर्चना तिवारी ने बताया कि इस सारे खेल की मास्टरमाइंड वह खुद है। अभी तक पुलिस सारांक्ष को अर्चना का बॉयफ्रेंड मानकर चल रही थी लेकिन अर्चना ने स्पष्ट कहा है कि घर वाले उस पर शादी का दबाव बना रहे थे। जिस वजह से उसने भागने का प्लान बनाया। उसने सारांश के साथ प्रेम प्रसंग का खंडन किया और उसे अपना साधारण दोस्त बताया है। वहीं तेजिंदर सिंह को भी अपना दोस्त बनाया।
शादी का दबाव बना हत्या की वजह
जिस अर्चना तिवारी को ढूंढने के लिए परिजन 14 दिनों से जंगलों, रेलवे स्टेशनों और सड़कों पर परेशान हो रहे थे, उन्हें लेकर अर्चना ने बड़ा खुलासा किया है। अर्चना ने बताया कि परिजन उस पर शादी का दवाब बना रहे थे। आए दिन उनके साथ झगड़ा होता था, इसलिए उसने उनसे दूर जाने का फैसला किया। उसका सपना सिविल जज बनने का था। इसलिए वह पहले सिविल जज बनना चाहती थी इसके बाद शादी करना चाहती थी। लेकिन लगातार बढ़ते दवाब के बाद उसने घर से भागने की सोची।
पुलिस को बताया वन टू वन प्लान
अर्चना ने पुलिस को बताया कि घर वाले शादी के लिए दवाब बना रहे थे लेकिन मैं मानसिक रूप से परेशान हो गई थी। मैं घर भी जाना नहीं चाहती थी। रक्षाबंधन पर घर जाना था। दिनांक 07.08.2025 को मैं इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन 18233 इंदौर नमर्दा एक्स० से रवाना हुई। मैं मानसिक रूप से घर जाने के लिए तैयार नहीं थी। रक्षाबंधन के कारण मैं घर जाने के लिए रवाना तो हो गई परंतु मैंने सोच लिया कि मैं अब घर नहीं जाउंगी और न ही शादी करूंगी। जब तक मैं सिविल जज नहीं बन जाती फिर मैंने सोचते सोचते रेलवे स्टेशन इटारसी पहुंचने से पहले मैंने अपने पुराने क्लाइंट तेजेन्दर सिंह जो पंजाब का रहने वाला है वर्तमान में इटारसी में रहता हैं, उससे मदद मांगी की। मुझे इटारसी उतरकर वापस इंदौर जाना है, फिर मैंने अपने दोस्त सारांश को भी फोन लगा कर इटारसी बुला लिया था।
अर्चना ने आगे बताया कि मैंने इटारसी उतरने से पूर्व ही तेजेंदर को बताया दिया था कि जहां इटारसी स्टेशन पर कैमरे न लगे हो वहां उतार लेना, फिर तेजेंदर नमर्दापुरम स्टेशन से मेरे साथ हो गया, तेजेंदर ने मुझे इटारसी में मेरे दोस्त सारांश के साथ भेज दिया ओर तेजेंदर इटारसी में रूक गया था फिर मैं सारांश के साथ उसकी कार में बैठकर शुजालपुर आ गई थी, शुजालपुर से इंदौर निकल गई थी इंदौर में घरवालों के आ जाने के डर के कारण विचार के उपरांत में हैदराबाद चली गई। हैदराबाद में 2-3 दिन रूकने के उपरांत पेपर एवं मीडिया रिपोर्ट से मुझे यह जानकारी मिली गई थी मेरा केस काफी चर्चित हो जाने कारण सुरक्षित महसूस नहीं कर रही थी फिर मैं सारांश के साथ दिनांक 11.08.2025 को हैदराबाद से दिल्ली पहुंच गई और दिल्ली से टैक्सी से सारांश के साथ धनगुढ़ी नेपाल पहुंच गई फिर धनगुढ़ी से काटमांडु पहुंच गई। जहां सारांश ने अपने परिचित वायपी देवकोटा से बात कराकर किसी होटल में रूकवाया और सारांश वापस इंदौर चला गया। कुछ दिन बाद देवकोटा ने मुझे एक नेपाल की सिम दिलवा दी थी , जिससे मैं वाट्सअप के माध्यम से सारांश से बात करती रही। सारांश और तेजेंदर ने दोस्त होने के कारण मेरी मदद की थी जिससे मैं नेपाल तक पहुंच गई थी किसी भी व्यक्ति द्वारा मेरे साथ कोई गलत हरकत की गई ना ही गलत काम किया गया था। सारांश के माध्यम से पुलिस ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि आपके परिवार वाले बहुत परेशान है। वापस आ जाओ बाद में काठमांडु से प्लेन से धनगुढ़ी आई बाद धनगुढ़ी से नेपाल बॉर्डर लखीमपुरी पहुंची। जहां पर मध्यप्रदेश जीआरपी पुलिस भोपाल की टीम मिले जिनके साथ में जीआरपी थाना रानी कमलापति आ गई।
सारांश और तेजेंदर को बताया दोस्त
सारांश ओर तेजेंदर को अर्चना ने अपना दोस्त बताया। उसने कहा कि उनकी मदद से मैं नेपाल तक पहुंच गई थी। किसी भी व्यक्ति ने मेरे साथ कोई गलत हरकत नहीं की और न ही गलत काम किया। सारांश के जरिए पुलिस ने मुझसे संपर्क किया ओर बताया कि ‘आपके परिवार वाले बहुत परेशान हैं। वापस आ जाओ।’ यह सुनकर काठमांडू से प्लेन से धनगुढ़ी आई और बाद में धनगुढ़ी से नेपाल बॉर्डर लखीमपुरी पहुंची। जहां पर मध्यप्रदेश जीआरपी पुलिस भोपाल की टीम मिली।
खुद को दुनिया की नजर में मरा दिखाना चाहती थी
ट्रेन में अचानक गायब होने को लेकर अर्चना खुलासा करते हुए बताया उन्होंने हरदा में एसपी तेजिंदर के साथ मिलकर एक प्लान बनाया था। रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि तेजिंदर कैब ड्राइवर है जो अर्चना को बाहर लेकर जाता था। उसकी मदद से अर्चना ने ट्रेन में ही कपड़े बदले थे। जिससे उसकी पहचान न हो। तेजिंदर उसके साथ ट्रेन में मौजूद था। उसी ने कपड़े दिए थे जिसे बदलकर वहां से भागी थी। अर्चना ने ट्रेन में बैग इसलिए छोड़ा था ताकि पुलिस को लगे कि अर्चना ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हो गई है। तेजिंदर पहले ही पुलिस की गिरफ्त में पहुंच चुका है।