धर्मांतरण धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि राजनीतिक कारण से हो रहा है: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 06 May, 2023 03:49 PM

swami avimukteshwaranand saraswati said that conversion due to politices reason

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धर्मांतरण को लेकर कहा कि धर्म परिवर्तन धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि राजनीतिक कारण से हो रहा है।

दुर्ग (के प्रदीप): ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Jyotish Peeth Shankaracharya swami avimukteshwaranand saraswati) आज दुर्ग दौरे पर थे। जहां वे शिक्षाविद आईपी मिश्रा के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण जो हो रहा है वह धार्मिक कारण से नहीं केवल राजनीतिक कारण से हो रहा है। कोई धर्म वाले हैं वह चाहते हैं कि विश्व में खाली हम ही हम हो जाए और जो धर्मांतरण का विरोध हो रहा है, वह भी धार्मिक कारण से नहीं हो रहा है। वह भी एक राजनीति कारण से किया जा रहा है। जिसको राजनीति करनी है किसी को धर्मांतरण करके राजनीति सफल हो रही है और किसी को धर्मांतरण का विरोध कर राजनीति को सफल कर रहे हैं, सब चीजें राजनीति के लिए हो रही है धर्म के लिए कुछ नहीं। 

सनातन की रक्षा के लिए आगे आना ही होगा

किसी का जीवन अब तक पूछा नहीं होता है जो धर्मांतरण किया हो जो वापस लौट कर आ चुका हूं। दोनों वैसे ही अभी भी है, सनातन धर्म की रक्षा के लिए अब आगे आना ही होगा। जरूरत पड़ी तो जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, तो वही बजरंग दल को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद (swami avimukteshwaranand saraswati) ने कहा कि बजरंग दल को लेकर जो लोग बयानबाजी कर रहे हैं। वह सभी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म फुटबॉल हो गया है। कोई इधर से कीक मारता है तो कोई उधर से किक मारता है।

मंदिर बनाने वालों को ही उनके योगदान को नकारा जा रहा है: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

बजरंग दल (bajrang dal) जिस संस्था का नाम है। संस्था का नाम बजरंग दल रख देने से कोई बजरंगबली नहीं हो जाता और संस्था जैसा आचरण करेगी वैसा ही उसका व्यवहार होगा। बजरंग दल के लोगों ने ऐसा कोई कार्य किया होगा। इसलिए समाज में इतनी बातें चल रही है। उसी हिसाब से उनकी छवि है। पहले राम जन्मभूमि आंदोलन में बजरंग दल के बड़ी भूमिका थी। विनय कटियार उसके अध्यक्ष थे, लेकिन अब राम मंदिर बन रहा है, तो विनय कटियार की उपेक्षा हो रही है। शंकराचार्य ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि विनय कटियार (Vinay Katiyar) की उपेक्षा क्यों? इसका मतलब यह है कि जो लोग मंदिर बना रहे हैं उन्हीं लोगों ने उनके योगदान को नकार दिया है।
 

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