Edited By Vikas Tiwari, Updated: 25 Mar, 2025 07:38 PM

गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते 15 दिनों में सांवरी रेंज में आधा दर्जन से अधिक अन्य-अन्य जंगली क्षेत्र में आग लगने से हजारों की संख्या में लगे बेशकीमती पेड़ जलकर खाक हो गए हैं। उसके बाद भी वन विभाग के...
छिंदवाड़ा (साहुल सिंह): गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते 15 दिनों में सांवरी रेंज में आधा दर्जन से अधिक अन्य-अन्य जंगली क्षेत्र में आग लगने से हजारों की संख्या में लगे बेशकीमती पेड़ जलकर खाक हो गए हैं। उसके बाद भी वन विभाग के अधिकारी केबिन में बैठकर ही जंगल की सुरक्षा कर रहे हैं।

एक ऐसा ही मामला मंगलवार को पश्चिम वन मंडल के अंतर्गत सांवरी रेंज की प्रधान घोघरी सर्किल बंजारी मंदिर सटे जंगल से सामने आया है। जहां देखते ही देखते सैकडों की संख्या लगे बेशकीमती पेड़ जलकर खाक हो गए। आग इतनी भयावह थी कि चंद घंटों में ही हवा की तरह जंगल में सुलगती चली गई। लेकिन इसके बावजूद भी कई घंटों तक आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी वन और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कितने गंभीर हैं।

न रेंजर साहिबा, न ही डीएफओ ने उठाया कॉल
जब जंगल में आग लगने की सूचना के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी कीर्ति बाला गुप्ता के मोबाइल नम्बर पर कॉल किया गया, तो उनका नम्बर स्विच ऑफ था। उसके बाद जब पश्चिम वन मंडल के डीएफओ साहिल गर्ग के मोबाइल नम्बर पर सूचना देने के लिए कॉल किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वन विभाग के अधिकारी अपने कामों को लेकर कितने सतर्क हैं।
फायर लाइन कार्य सिर्फ कागजों में सीमित..
गर्मी का मौसम शुरू होने के पहले दिसम्बर-जनवरी माह से वन विभाग जंगल को बचाने के लिए फायर लाइन का कार्य करता है। जिसका उद्देश्य जंगल को आग से बचाने और सीमित क्षेत्र तक लगी आग को बुझाने के लिए किया जाता है। जिसके लिए बकायदा हर वर्ष सरकार लाखों का बजट स्वीकृत करती है। उसके बाद भी विभागीय अधिकारियों के लचर रवैए के चलते यह महत्वपूर्ण काम कागजों में सिमटकर रह गया है।