युवती गिरी तड़पी और हो गई मौत, ट्रक की धमक में उजड़ गया एक बाप का संसार...

Edited By Himansh sharma, Updated: 18 Jun, 2025 03:33 PM

the girl fell writhed in pain and died

नेशनल हाइवे 46 पर रुठियाई के पास एक हृदय विदारक घटना सामने आई है

गुना। (मिस्बाह नूर): नेशनल हाइवे 46 पर रुठियाई के पास एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहाँ एक पिता की बेबसी और गरीबी ने उसकी 18 वर्षीय बेटी की जान ले ली। यह दुखद हादसा मंगलवार-बुधवार की दरमियानी लगभग 3 बजे सामने आई है, जिसने एक परिवार के सपनों को हमेशा के लिए तोड़ दिया और सिस्टम की घोर लापरवाही को भी उजागर किया।
जानकारी के मुताबिक विदिशा जिले के हमीदपुर ग्राम निवासी दारा सिंह लोधी बीते कई सालों से इंदौर की गणेश धाम कॉलोनी में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे। महज 18 हजार रुपए की मामूली वेतन में अपनी पत्नी प्रीति लोधी और चार बच्चों पूनम, मधु, अनुराधा, विराट का किसी तरह गुजारा कर रहे थे। लेकिन हाल ही में दारा सिंह की नौकरी छूट गई, जिससे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।

आर्थिक तंगी इतनी बढ़ गई कि उन्हें इंदौर छोड़कर अशोकनगर स्थित ससुराल में शिफ्ट होने का फैसला लेना पड़ा। अशोकनगर में किराए के मकान का एडवांस देने के बाद दारा सिंह के पास बस का किराया तो दूर, सफर के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। मजबूरी में परिवार ने अपने सामान के साथ एक ट्रक के पीछे बैठकर सफर करने का जोखिम भरा फैसला किया। उन्हें नहीं पता था कि यह फैसला उनकी 18 वर्षीय बेटी पूनम की जिंदगी पर भारी पड़ेगा। गुना जिले में नेशनल हाईवे-46 रुठियाई के पास जैसे ही ट्रक एक तेज ब्रेकर पर पहुंचा, दारा सिंह के हाथ से उनका मोबाइल गिर गया। पीछे बैठी उनकी बेटी पूनम, जो कि 12वीं की साइंस की छात्रा थी, मोबाइल उठाने के लिए झुकी। ट्रक के अचानक उछलने से वह असंतुलित होकर नीचे गिर गई। पूनम के सिर में गंभीर चोट लगी और वह वहीं तड़पने लगी। परिवार ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन दुखद रूप से एम्बुलेंस एक घंटे तक नहीं पहुंची। अस्पताल पहुंचने से पहले ही पूनम ने दम तोड़ दिया। मां की चीखें, बहनों की रुलाई और पिता की खामोशी का वह मंजर हर आंख को नम कर गया।

PunjabKesariसबसे दुखद बात यह है कि अब इस गरीब परिवार के पास अपनी बेटी के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं हैं। पिता दारा सिंह ने बताया, हमारे पास गुना से विदिशा शव ले जाने तक के पैसे नहीं हैं। कुछ रिश्तेदारों को फोन किया है उम्मीद है वो आएंगे, ताकि बेटी का अंतिम संस्कार किसी तरह हो सके। इधर अब ज़ीरो पे कायमी की जगह ऑनलाइन एफआईआर का नियम हो गया है। यानी अब जिस थाना क्षेत्र में घटना हुई है वहीं एफआईआर ऑनलाइन दर्ज होगी। इस कारण से यहां उस बेटी का पोस्टमार्टम रुक गया। गरीब मां बाप बेटी के पोस्टमार्टम के इंतज़ार करते रहे और लचर सिस्टम देर पर देर करता रहा। जब जानकारी मिली तो तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा, सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र सिंह रघुवंशी अस्पताल पहुंचे और कार्रवाई को आगे बढ़वाया। बताया जा रहा है कि तहसीलदार द्वारा गरीब मज़दूर को आर्थिक सहायता स्वीकृत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!