बच्ची की उम्र महज 1 दिन, बन गई आंगनवाड़ी सहायिका, जाने कैसे हुआ यह कारनामा

Edited By Himansh sharma, Updated: 09 Aug, 2025 10:49 AM

the girl is just 1 day old she becomes an anganwadi helper

मध्यप्रदेश की लापरवाह सरकारी व्यवस्था से कोई भी अंजान नहीं है.प्रदेश के सरकारी सिस्टम के कुछ ऐसे अजीबो गरीब कारनामे सामने जा आते हैं.

सिंगरौली। (अंबुज तिवारी): मध्यप्रदेश की लापरवाह सरकारी व्यवस्था से कोई भी अंजान नहीं है.प्रदेश के सरकारी सिस्टम के कुछ ऐसे अजीबो गरीब कारनामे सामने जा आते हैं.जिन्हें जानकर हर कोई हैरान रह जाता है.यही वजह है कि आज भी एमपी अजब है एमपी गजब है.ऐसा क्यों बताया जा रहा है.उसकी वजह भी आप को बताते हैं.

दरअसल एमपी के सिंगरौली जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही ने एक नवजात बच्ची को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्त कर दिया, यह कारनामा हुआ तब बच्ची की उम्र एक दिन भी पूरी नहीं हुई थी.विभाग के लापरवाह कर्मचारी अधिकारी यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके बाद एक और कारनामा कर डाला.अब आप दूसरा भी जान लीजिए.यहां 15 वर्ष की एक लड़की को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त कर दिया गया.

ये है पूरा मामला

यह कारनामा चोरी छुपे नहीं किया गया है बल्कि सब कुछ विभाग के पोर्टल पर दर्ज है. पूरा मामला चितरंगी ब्लॉक के बैरदह सेक्टर के आंगनवाड़ी केंद्र धानी का है यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पचवती की नियुक्ति की तारीख पोर्टल में 22 जुलाई 1988 दिख रही है जबकि उसी पोर्टल में जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1973 दर्ज की गई है.इस आंकड़े के मुताबिक जन्म के 15 वर्ष बाद ही उसकी नियुक्ति आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में हो गई थी.इसी प्रकार जिस सोनकली को सहायिका के पद पर नियुक्त किया गया है उसकी उम्र महज 1 दिन ही है. सोनकली की नियुक्ति और जन्म की तारीख 22 जुलाई 1988 है.

PunjabKesariयह सब कैसे हुआ इसे जानने के लिए हमने चितरंगी परियोजना अधिकारी सत्येंद्र सोंधिया से भी संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र तक सहायिका और कार्यकर्ता, उनके ऊपर पर्यवेक्षक और इसके बाद परियोजना अधिकारी होते हैं.लेकिन यह किसी को नहीं दिखा.इससे पता चलता है कि सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी जनता के कामों के प्रति कितने लापरवाह हैं.ऐसी लापरवाही से इन सभी का गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आया है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र गुप्ता से भी बात की गई उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी.मामले से अवगत होने के बाद कम से कम जांच की उम्मीद है.आगे क्या होगा यह कहना मुश्किल है क्योंकि एमपी अजब है एमपी गजब है।

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