Edited By suman, Updated: 25 Jan, 2019 03:56 PM

प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्टीकरण के बाद भी, मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन रोककर रखने पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और उसका जवाब मांगा है।
भोपाल: प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्टीकरण के बाद भी, मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन रोककर रखने पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और उसका जवाब मांगा है।

जबलपुर में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी प्रदीप तिवारी ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका लगायी थी। उस पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन पर रिजर्वेशन की स्थिति साफ कर दी है तो उसने कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक जारी क्यों रखी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 5 मार्च तक का समय दिया है. उसके बाद इस मामले पर अगली सुनवाई की जाएगी।
जिला खनिज अधिकारी प्रदीप तिवारी की याचिका में कहा गया है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में रिजर्वेशन मामले पर स्थिति साफ करते हुए कहा था कि राज्य सरकारें कर्मचारियों को नियमानुसार प्रमोशन दें सकती हैं। लेकिन ऐसे सभी प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट में जो अपील के मामले पेंडिंग हैं, उन पर आने वाले फैसले के अधीन रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के स्पष्टीकरण के आधार पर केन्द्र सरकार ने 15 जून 2018 को सभी राज्य सरकारों को एक आदेश जारी किया था। उन्हें कर्मचारियों को प्रमोशन देने के लिए स्वतंत्र कर दिया था। बावजूद इसके मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोक दिया गया है। प्रदेश सरकार के इस रवैए के खिलाफ हाईकोर्ट में प्रदीप तिवारी ने याचिका दायर की थी। उसी पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।