Edited By Himansh sharma, Updated: 27 Dec, 2025 02:49 PM

बुंदेलखंड अंचल से सामाजिक बदलाव और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की एक अनोखी मिसाल सामने आई है।
छतरपुर। (राजेश चौरसिया): बुंदेलखंड अंचल से सामाजिक बदलाव और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की एक अनोखी मिसाल सामने आई है। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले और उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद की दो युवतियों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर समलैंगिक विवाह कर समाज को नई सोच का संदेश दिया है।
छतरपुर जिले के चंदला थाना क्षेत्र के ग्राम लबरहा निवासी पूजा अहिरवार और उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के चरखारी नगर की निवासी हेमा के बीच करीब तीन वर्ष पूर्व दिल्ली में मुलाकात हुई थी। सब्जी बेचने के दौरान शुरू हुआ यह परिचय धीरे-धीरे गहरे प्रेम में बदल गया और अंततः दोनों ने जीवनभर साथ निभाने का निर्णय लिया।
हेमा ने अपनी पहचान को स्वीकार करते हुए स्वयं को हेमा से हेमंत के रूप में प्रस्तुत किया और 6 अक्टूबर को दिल्ली में कोर्ट मैरिज कर पूजा को अपनी जीवनसाथी बनाया। इसके बाद दोनों पहली बार महोबा स्थित पारिवारिक घर पहुंचीं, जहां परिजनों ने न केवल खुले दिल से स्वागत किया, बल्कि पारंपरिक रीति-रिवाज़ों के साथ वैवाहिक रस्में भी संपन्न कराईं।
इस अनोखे विवाह की खबर जैसे ही इलाके में फैली, वैसे ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने नवदंपती को आशीर्वाद दिया और इसे बदलते सामाजिक नजरिए की पहचान बताया।
हेमंत की मां फूलवती ने बताया कि परिवार ने पूजा को बहू के रूप में पूरी तरह स्वीकार कर लिया है। घर में मुंह दिखाई की रस्म, संगीत कार्यक्रम और अन्य पारंपरिक आयोजन भी किए गए। उन्होंने कहा कि “बच्चों की खुशी में ही माता-पिता की खुशी होती है।”
हेमंत ने बताया कि उनकी पत्नी पूजा स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं और भविष्य में वे जेंडर चेंज की प्रक्रिया भी पूरी करेंगे। शुरुआती दौर में परिवारों की ओर से कुछ असहमति जरूर थी, लेकिन समय के साथ दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को समझा और स्वीकार किया।
यह विवाह न केवल प्रेम और साहस की कहानी है, बल्कि समाज में बदलती सोच, व्यक्तिगत अधिकार और समानता की दिशा में एक मजबूत संदेश भी देता है।