Edited By Himansh sharma, Updated: 13 Apr, 2025 05:33 PM
भोपाल। 'मध्यप्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। आज के अनुबंध के बाद प्रदेश के 83 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता की पहुंच बढ़ेगी। हमें इनका शत प्रतिशत दोहन करने के लिए बहुत कार्य करने की आवश्यकता है। सालों से देश में सहकारी आंदोलन सुस्त पड़ गया था। देश के अलग-अलग राज्यों में सहकारी आंदोलन की स्थिति अलग थी। इसे समृद्ध करने और देश की बदलती हुई परिस्थिति के अनुकूल कानून बदलने के निर्णय नहीं लिए गए। राज्यों में कृषि, पशुपालन और सहकारिता को बढ़ाने का कोई विजन नहीं था। लेकिन देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया और इसका पहला मंत्री होने के नाते हमने बीते साढ़े तीन साल में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव किए।' यह बात केन्द्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने 13 अप्रैल को रवींद्र भवन में कही। वे यहां 'अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष -2025' के तहत आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। कार्यक्रम में प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग और पशुपालन मंत्री लखन पटेल मौजूद थे।
केन्द्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने पहला काम किया कृषि समितियों के लिए आदर्श बायलॉज बनाए। उसके बाद उन्हें राज्यों को भेजा। आज संपूर्ण भारत ने इस मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है। जब आपकी नीयत ठीक हो तो नजीते भी अनुकूल आते हैं। पहले छोटे-मोटे फाइनेंस के कार्य करने वाले पैक्स अब 20 से ज्यादा कार्य कर रहे हैं। पैक्स जल वितरण और सीएससी का कार्य भी करेंगे। 300 से ज्यादा योजनाएं पैक्स के माध्यम से संचालित हो रही हैं। यहां से रेलवे टिकट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तक मिल जाता है। पैक्स अब पेट्रोल पंप संचालन, दवाई की दुकान भी चलाएगा। मध्य प्रदेश ने पैक्स के कंप्युटीराइजेशन में पहला स्थान हासिल किया है। पैक्स संचालन में पादर्शिता बरती जा रही है। किसानों की भाषा के अनुरूप पैक्स में विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
सीधे किसानों के खातों में आएगी आय- केंद्रीय मंत्री अमित शाह
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसानों के लिए तीन समितियां बनाई गई हैं। आर्गेनिक प्रोडक्ट्स के लिए भी प्लेटफॉर्म बनाया है। केंद्र सरकार ने बीज सहकारिता के अंतर्गत ढाई एकड़ वाले किसान को भी मान्यता दी है। बीज और दूध सहकारिता से होने वाली आय सीधे किसानों के खाते में आएगी। मध्यप्रदेश में प्रति वर्ष साढ़े 5 करोड़ लीटर की दूध उत्पादन क्षमता है, जो देश का 9 प्रतिशत है। यहां के किसानों को सहकारी डेयरी के साथ जोड़ना है। खुले बाजार में दूध बेचने पर उनका शोषण है। दूध का उत्पादन बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि पशुओं की नस्ल सुधारना है, दूध उत्पाद तैयार करना है। ये सभी काम मध्यप्रदेश को करना है। प्रदेश के केवल 17 प्रतिशत गांवों में ही दूध कलेक्शन की व्यवस्था है। आज के अनुबंध के बाद प्रदेश के 83 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता की पहुंच बढ़ेगी। पहले साल इसे 50 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए। अभी तो राज्य में सिर्फ 7 हजार दूध समितियां हैं। देश में दूध की शहरी मांग 1 करोड़ 20 लाख लीटर प्रति दिन है। मध्यप्रदेश सरकार को अपने लक्ष्य नए सिरे से तय करने चाहिए। गांवों की संख्या बढ़ानी चाहिए। एनबीडीडी के साथ मिलकर पहले वर्ष में कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक दूध डेयरी को विस्तारित करना चाहिए। यह रास्ता अभी टू लेन है, इसे 6 लेन बनाना है।
दूध का उत्पादन 20 फीसदी करने का लक्ष्य - सीएम डॉ. यादव
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अमित शाह पारस की तरह हैं, उनके पास जो विभाग आ जाए सोना हो जाता है। बहुउद्देशीय समितियों से माध्यम से हमारे भी घर की आय का बड़ा स्रोत दूध उत्पादन है। मध्यप्रदेश में कम से कम 25 और अधिकतम 200 गाय, जो किसान पालेंगे, उन्हें अनुदान दिया जाएगा। सरकार ने दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है। पशुपालन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। जहां खेती नहीं हो सकती, वहां पशुपालन हो सकता है। सरकार घर-घर गोकुल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। किसानों की जिंदगी बेहतर करने के लिए सरकार गाय का दूध खरीदेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मार्गदर्शन में किसानों को समृद्ध किया जा रहा है। आज बड़ी संभावनाओं का द्वार खुला है। सर्वहारा वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब सहकारिता से पेट्रोल पंप, दवाई की दुकान चलेगी। जीआईएस में फैक्ट्रियों को भी सहकारिता से चलाने के लिए अनुबंध हुआ है।
इनके बीच साइन हुए एमओयू*
कार्यक्रम के दौरान 'सहकार से समृद्धि' के विजन अंतर्गत 'श्वेत क्रांति 2.0' और मध्यप्रदेश डेयरी विकास परियोजना पर शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच एमओयू भी साइन हुआ। इस एमओयू के बाद मध्यप्रदेश में सहकारिता और पैक्स के व्यवसाय विविधीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों पर भी शॉर्ट फिल्म दिखाई गई। इस शॉर्ट फिल्म के प्रदर्शन के बाद सीपीपीपी के तहत मेजेस्टिक ग्रुप मंडीदीप के प्रबंध संचालक विज्ञान लोढ़ा ने पैक्स घाट पिपरिया, जिला रायसेन के समिति प्रबंधक भास्कर शर्मा के साथ पूसा बासमती धान के प्रोक्योरमेंट-कल्टीवेशन के लिए एमओयू साइन किया। सीपीपीपी के तहत ही मैसर्स मशरूम वर्ल्ड अम्ब्रेला लिमिटेड के प्रबंध संचालक समीर सागर ने पैक्स सलामतपुर, जिला रायसेन के समिति प्रबंधक कुंवर सिंह दांगी के साथ नेपियर घास के कल्टीवेशन के लिए एमओयू साइन किया।
इनको व्यवसाय विस्तार के लिए मिला ऋण
कार्यक्रम में चिन्हित पैक्स के व्यवसाय वृद्धि के लिए स्वीकृत ऋण पत्र भी प्रदान किए गए। इसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, रतलाम ने पैक्स बांगरोद को धर्मकांटा स्थापना के लिए 15 लाख रुपये का प्रोजेक्ट ऋण दिया। दूसरी ओर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, मंडला ने पैक्स मेंहदवानी को कोदो-कुटकी की ग्रेडिंग प्लांट स्थापना के लिए 60 लाख रुपये का प्रोजेक्ट ऋण दिया। इसी प्रकार राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने पैक्स गोगांवा, जिला खरगौन को सुपर मार्केट के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रोजेक्ट ऋण दिया। कार्यक्रम में दुग्ध सहकारी संस्था टीलाखेड़ी, जिला भोपाल के सचिव महेश वर्मा को माइक्रो एटीएम दिया गया। वहीं, पैक्स सांकलखेड़ा खुर्द के किसान यश रघुवंशी को किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया। एचपीसीएल सेंट्रल जोन के सीजीएम एएस रेड्डी की उपस्थिति में पैक्स सुसनेर, जिला आगर-मालवा के समिति प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह को पेट्रोल पंप आवंटन का एलओआई दिया गया। साथ ही जन औषधि केन्द्र पैक्स कुआं, जिला कटनी के समिति प्रबंधक अजय कुमार नायक को ड्रग लाइसेंस प्रदान किया गया।