दमोह उपचुनाव से पहले दो फाड़ हुई भाजपा, जयंत मलैया के समर्थकों ने लोधी को बताया गद्दार

Edited By meena, Updated: 27 Nov, 2020 05:11 PM

bjp torn apart before damoh by election

भले ही विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत के साथ सत्ता पर काबिज बीजेपी सरकार इतरा रही हो लेकिन पार्टी में फूट का खतरा अभी टला नहीं है। दमोह विधानसभा की सीट पर इसके संकेत साफ देखे जा सकते हैं। जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता पवैया और हाल ही में कांग्रेस से...

दमोह: भले ही विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत के साथ सत्ता पर काबिज बीजेपी सरकार इतरा रही हो लेकिन पार्टी में फूट का खतरा अभी टला नहीं है। दमोह विधानसभा की सीट पर इसके संकेत साफ देखे जा सकते हैं। जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता पवैया और हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले राहुल लोधी के कार्यकर्ताओं में जमकर विरोधाभास देखने को मिल रहा है। दरअसल, कांग्रेस विधायक के इस्तीफे से खाली हुई विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होगें जिसे लेकर 35 वर्षों से दमोह की राजनीति में सरगर्म रहे बीजेपी नेता जयंत मलैया टिकट की दावेदारी ठोक रहे हैं। वहीं राहुल लोधी पहले से ही कह रहे हैं कि हम दमोह से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में मलैया समर्थक अब खुल कर मैदान में आ गए हैं और लोधी पर पोस्टर वार कर रहे हैं। 

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दमोह शहर के साथ साथ पूरी विधानसभा में इस फूट की सुहबुगाहट दीवाली से शुरु हो गई थी जब बाजारों में बड़े-बड़े होर्डिंग  लगाए गए, जिनमें राहुल लोधी को एक बड़े पार्टी नेता के रुप में प्रस्तुत किया गया था। जो दमोह के कद्दावर बीजेपी नेता के समर्थकों को रास नहीं आए। ऐसे में उन्होंने खुलकर विरोध करना शुरु कर दिया। कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों में पोस्टर भी लगा दिए। ऐसे ही एक चाय दुकानदार ने एक पोस्टर अपनी दुकान के बाहर लगाया गया है जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस पोस्टर में उसने लिखा है कि बिकाऊ नहीं टिकाऊ विधायक चाहिए। साथ ही साफ शब्दों में लिखा है कि उन्हें विधायक के रूप में केवल जयंत मलैया ही चाहिए। कोई दल बदलू नहीं चाहिए।

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पोस्टर वायरल होते ही सियासत गर्मा गई है। एक अन्य दुकानदार हरीश राय ने कहा है कि हम लोगों को टिकाऊ विधायक चाहिए। राहुल लोधी को लोगों ने भरोसा कर वोट दिया था, लेकिन 18 महीने में ही वह पलटी मार गए हैं। इस बात से तो इंकार नहीं किया जा सकता कि जिस राहुल लोधी ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर बीजेपी के जयंत मलैया को हराया था अब महज राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा ज्वांइन की है। वे टिकट की दावेदारी नहीं छोड़ेंगे, हालांकि बीजेपी में पाव जमाने में उन्हें थोड़ा वक्त तो लगेगा ही। वहीं दूसरी ओर भले ही मलैया का अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन उनके समर्थक चुप नहीं बैठने वाले। ऐसे में दमोह उपचुनाव पर होने वाला मुकावला काफी रोचक होने वाला है।

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