Edited By Vikas Tiwari, Updated: 23 Aug, 2025 03:03 PM

मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं, लेकिन छिंदवाड़ा की यह घटना इंसानियत और व्यवस्था दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 108 एम्बुलेंस सेवा का सच लोगों के सामने आया। जहां ज़िंदगी बचाने का वादा करने...
छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं, लेकिन छिंदवाड़ा की यह घटना इंसानियत और व्यवस्था दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 108 एम्बुलेंस सेवा का सच लोगों के सामने आया। जहां ज़िंदगी बचाने का वादा करने वाली गाड़ी खुद लापरवाही की मिसाल बन गई।
50 किमी का सफर, तीन घंटे की पीड़ा
सावरवानी के अनिल परानी अपनी पत्नी भगवती को प्रसव पीड़ा के चलते चावलपानी अस्पताल ले जाना चाहते थे। परिजनों ने 108 एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया। लेकिन ड्राइवर की हरकतों ने सफर को नर्क बना दिया। एंबुलेंस ड्राइवर जिले के झिरपा में गाड़ी खड़ी कर सो गया। इसके बाद उसने देलाखारी में चाय-गुटखे का मज़ा लिया। कई बार बीच रास्ते पर एम्बुलेंस रोक दी। इस बीच 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन घंटे लग गए, और इसी दौरान भगवती का प्रसव एम्बुलेंस में ही शुरू हो गया। बच्चे का आधा शरीर बाहर आ चुका था। परिजनों की धड़कनें तेज़ थीं और अस्पताल अभी भी दूर था।
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अस्पताल पहुंची मां, शुरू हुआ इलाज..
लेट लतीफी के बीच किसी तरह परिजन तामिया अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने तुरंत प्रसव कराया और राहत की बात यह रही कि मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन दर्द, डर और गुस्सा अब भी परिवार के चेहरे पर साफ दिख रहा था।
लापरवाही के बाद भी पैसे मांग रहा थे एंबुलेंस ड्राइवर
सोचिए, अस्पताल पहुंचने के बाद भी ड्राइवर का ज़मीर नहीं जागा। उसने परिजनों से एम्बुलेंस धुलवाने के लिए 300 रुपए मांगे। बहस के बाद 200 रुपए लेकर ही वह वहां से हटा। यह घटना केवल लापरवाही नहीं, बल्कि अमानवीयता का खुला सबूत है।
BMO बोले- होगी कार्रवाई..
बीएमओ तामिया डॉ. जितेन्द्र उईके ने बताया कि प्रसूता और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन एम्बुलेंस चालक की लापरवाही को गंभीर मानते हुए मामला जिला समन्वयक को भेजा गया है। दोषी चालक पर कार्रवाई की तैयारी है।