Edited By meena, Updated: 27 Nov, 2020 12:25 PM
पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन ने उग्र रुप धारण कर लिया है। जिसका असर पूरे देश की राजनीति में देखने को मिल रहा है। मध्य प्रदेश में भी इस किसान आंदोलन को लेकर सियासत गरमा गई है। एक तरफ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस आंदोलन को...
भोपाल(इजहार हसन खान): पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन ने उग्र रुप धारण कर लिया है। जिसका असर पूरे देश की राजनीति में देखने को मिल रहा है। मध्य प्रदेश में भी इस किसान आंदोलन को लेकर सियासत गरमा गई है। एक तरफ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस आंदोलन को पंजाब की कांग्रेस सरकार की सोची समझी साजिश बताया है तो दूसरी ओर राज्यसभा सासंद दिग्विजय सिंह ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का कृषि कानून किसान विरोधी है। धान की सरकारी खरीद प्रति एकड़ 20 क्विंटल के स्थान पर 13 क्विंटल ही खरीदी जाएगी। ऐसा बीजेपी सरकार का निर्णय है किसानों की मांग है कि पुरानी व्यवस्था ही लागू रहे। यह MSP समाप्त करने का पहला कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आदेश को वापस लेना चाहिए।
बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो' मार्च के तहत पंजाब व हरियाणा के किसान सिंधु बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। जहां दिल्ली पुलिस और किसानों के एक समूह के बीच जद्दोजहद देखने को मिली। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बार्डर पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर केनन का भी इस्तेमाल किया।