KJS सीमेंट लिमिटेड पर बड़ी कार्रवाई, 36 करोड़ का जुर्माना, लाईम स्टोन की खदान भी निरस्त

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 28 Jan, 2021 11:13 AM

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केजेएस सीमेंट लिमिटेड पर जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने बड़ी कार्रवाई की है। अधिनियम 1957 की धारा-4 का उल्लंघन करने पर कलेक्टर ने प्रदेश स्तर पर अब तक की बड़ी कार्रवाई करते हुए सीमेंट कंपनी पर 36 करोड़ 4 लाख 5 हजार 716 रुपये का जुर्माना लगाया है।...

सतना (रवि शंकर): मैहर स्थित मेसर्स केजेएस सीमेंट लिमिटेड राजनगर द्वारा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की धारा-4 उल्लंघन करने पर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने प्रदेश स्तर में अब तक की गई सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में 36 करोड़ 4 लाख 5 हजार 716 रुपये का जुर्माना लगाया है।

30 दिन में जुर्माना वसूलने के आदेश

खनिज अधिकारी को 30 दिन में मांग पत्र जारी करते हुए जुर्माने की राशि वसूल करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा संस्थान की तहसील मैहर स्थित 217.51 हेक्टेयर क्षेत्र की अमिलिया लाईम स्टोन की खदान बंद करते हुये खदान को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। प्रदेशभर में खनिज क्षेत्र में अब तक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।

कारण बताओ नोटिस जारी

शासन स्तर से गठित जांच दल के निरीक्षण प्रतिवेदन के मुताबिक कलेक्टर कटेसरिया ने केजेएस सीमेंट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिसका खनिज अधिकारियों से प्रति-परीक्षण कराने पर पाया गया कि बिना अग्रिम रॉयल्टी भुगतान खनिज परिवहन एवं खान एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन पर 30 करोड़ 30 लाख 9 हजार 811 रुपये की पेनल्टी, 4 करोड़ 34 लाख 81 हजार 746 रुपये की रॉयल्टी, 1 करोड़ 30 लाख 44 हजार 524 रुपये की जिला खनिज फंड और 8 लाख 69 हजार 635 रुपये की एनएमईटी की राशि मिलाकर केजेएस सीमेंट पर 36 करोड़ 4 लाख 5 हजार 716 रुपये की राशि वसूली योग्य है।

अमिलिया लाईम स्टोन खदान निरस्त करने के आदेश

इसके अलावा केजेएस की सतना जिले में कुल 15 चूना पत्थर खनिज की स्वीकृत खदानों में 9 शिथिल खदानों में व्यापगत घोषित करने के प्रस्ताव पहले ही भेजे जा चुके हैं। वर्तमान उल्लंघन के फलस्वरूप कलेक्टर कटेसरिया ने 217.51 हेक्टेयर क्षेत्र की अमिलिया लाईम स्टोन खदान भी बंद कर निरस्त घोषित करने के आदेश दिये हैं।

डीसी कटेसरिया ने मामले की सुनवाई में पाया कि संस्थान के खनिज तेल के स्थापित वेब्रिजों में नापतौल द्वारा सत्यापित सील नहीं पाई गई। प्लांट में अमिलिया खदान से उत्पादित खनिज और बेल्ट कन्वेयर ने खदान से सीमेंट प्लांट तक परिवहन किए गये खनिज की मात्रा के आंकलन का कोई भी आधार नहीं पाया गया।

अमिलिया खदान की खनन योजना अनुरूप अनुमोदित मात्रा 12 लाख 50 हजार एमटी प्रतिवर्ष के आधार पर अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 तक 6 माह की खनिज चूना पत्थर का कुल उत्पादन 6 लाख 25 हजार एमटी एवं देय रॉयल्टी 5 करोड़ होती है।

वहीं, वास्तविक जमा की गई राशि 65 लाख 18 हजार 254 रुपये ही है। इसके लिए रॉयल्टी राशि 4 करोड़ 34 लाख 81 हजार 746 रुपये डीएमएफ, 1 करोड़ 30 लाख 44 हजार 524 रुपये और एनएमईटी की राशि 8 लाख 69 हजार 635 रुपये मिलाकर 5 करोड़ 73 लाख 95 हजार 905 रुपये वसूली योग्य पाई गई।

क्षेत्र से दूर स्थित अन्य खनिज पट्टा खदानों से ईटीपी के माध्यम से परिवहन किये गये खनिज की मात्रा में अंतर पाया गया और 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक बिना अग्रिम रॉयल्टी भुगतान किये प्लांट तक परिवहन किया जाना प्रमाणित पाया गया। वहीं, अंतर की राशि बाजार मूल्य से कम जमा की गई। केजेएस सीमेंट राजनगर मैहर ने खनिज चूना पत्थर की कुल मात्रा 1 लाख 13 हजार 411 मेट्रिक टन जिसका बाजार मूल्य 30 करोड़ 30 लाख 9 हजार 811 रुपये  बिना अग्रिम रॉयल्टी भुगतान किये खदान से प्लांट तक परिवहन किया जाना प्रमाणित पाया गया।

कलेक्टर अजय कटेसरिया ने केजेएस सीमेंट मैहर पर खान एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की धारा-4 (ए) के उल्लंघन पर धारा-21 के तहत दंडनीय मानते हुए कुल 36 करोड़ 4 लाख 5 हजार 716 रुपये का जुर्माना लगाते हुये 30 दिन में राशि वसूली करने के निर्देश दिये हैं। वहीं, 217 हेक्टेयर क्षेत्र की अमिलिया खदान को बंद कर निरस्तीकरण की कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

 

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