रीवा (भूपेंद्र सिंह): रीवा के सपूत लक्ष्मीकांत द्विवेदी आज पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे गांव ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। उनके छोटे भाई रविकांत द्विवेदी ने उन्हें मुखाग्नि दी। गुरुवार को CAF हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकान्त द्विवेदी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों द्वारा प्लांटेड प्रेशर बम की चपेट में आने से शहीद हो गए थे। रायपुर से विशेष वाहन के जरिए लक्ष्मीकांत द्विवेदी का पार्थिव शरीर गांव बरछा लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया।
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रीवा जिले की त्योंथर तहसील के बरछा गांव में जन्मे लक्ष्मीकांत द्विवेदी छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे। उनके दो भाई इंजीनियर हैं, जबकि एक भाई छत्तीसगढ़ पुलिस बल में है। उनकी दो बेटियां इस दौरान छत्तीसगढ़ से आए जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। लक्ष्मीकांत की ड्यूटी ई-कंपनी कैम्प छिंदनगर दंतेवाड़ा में थी। सुबह 9:30 बजे उन्होंने अपने घर वालों से आखिरी बार फोन पर बात की थी और अपने पिता को यह भरोसा दिलाया था कि छुट्टी में आकर वे उनका इलाज करवाएंगे, लेकिन चंद घंटों बाद ही उनके शहादत की खबर घर पहुंच गई और पिता से किया वादा अधूरा ही रह गया। उन्हें अंतिम विदाई देने पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री राम खिलावन पटेल ने उनके गृह ग्राम बेरछा जिला रीवा में पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी और शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

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बता दें कि इंद्रवती नदी पर पुल निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें 22वीं बटालियन के जवानों को सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात किया गया है। CAF हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत द्विवेदी भी वहीं पर तैनात थे। वह करीब 12.30 बजे एक पेड़ के नीचे खाना खाने के लिए बैठे, जैसे ही उन्होंने खाना शुरू किया, तभी IED ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि जवान लक्ष्मीकांत के शरीर के चिथड़े उड़ गए।
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