Edited By Vikas kumar, Updated: 18 Dec, 2018 06:06 PM

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी समेत अन्य फाइलों पर भी हस्ताक्षर किए। इसके बाद उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार को लेकर जैसे ही घोषणा की तो वे उत्तर भारती...
भोपाल: मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी समेत अन्य फाइलों पर भी हस्ताक्षर किए। इसके बाद उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार को लेकर जैसे ही घोषणा की तो वे उत्तर भारतीयों के बयान पर घिर गए। इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कमलनाथ के इस बयान को गलत करार दिया है।

अखिलेश यादव ने कमलनाथ के बयान को गलत करार देते हुए कहा है कि, 'अक्सर ऐसी बात महाराष्ट्र से सुनने को मिलती रही है कि उत्तर भारतीय यहां क्यों आते हैं? वो यहां आकर काम क्यों करते हैं? ऐसी ही आवाजें दिल्ली से भी उठती हैं और अब मध्य प्रदेश से भी यही बात उठी है' इसके बाद उन्होंने कहा कि क्या होगा अगर उत्तर भारतीय ही तय करें कि केंद्र में सरकार कौन बनाएगा।
केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी जताया विरोध
देश मे जहर बोना, क्षेत्र, जाति और समुदाय के नाम पर देश को बांटने वाली कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने देश मे फिर से जहर घोला। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का बिहार-उत्तर प्रदेश पर दिया गया बयान देश विरोधी है। वह तत्काल इस्तीफा दें तथा राहुल गांधी देश से माफी मांगे।

जेडीयू ने भी साधा निशाना
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कमलनाथ को बिहार की जनता से माफी मांगने की बात कही है। उन्होंने कहा, कमलनाथ ने देश के संघीय ढांचे पर प्रहार करने का काम किया है। बिहार के लोग इटली से ज्ञान लेकर नहीं आये हैं। बिहार ज्ञान की भूमि रही है। यहां के लोग अपनी मेहनत और परिश्रम के बल पर नौकरियां पाते हैं।

क्या कहा था कमलनाथ ने ?
कमलनाथ ने कहा था कि, यहां बहुत से ऐसे उद्योग लगाए जाते हैं, जिनमें बिहार और यूपी जैसे प्रदेशों से आकर लोग काम करते हैं, जिससे राज्य के युवा रोजगार से वंचित रह जाते हैं। लेकिन अब जो उद्योग एमपी में लगाए जाएंगे, उनमें 70% स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा। हालांकि, कमलनाथ ने यूपी-बिहार के लोगों पर बयान देते हुए यह भी कहा कि मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा हूं।