CM शिवराज सिंह ने बदली मध्य प्रदेश की दशा... कैसे? जानने के लिए पढ़े ये रिपोर्ट

Edited By meena, Updated: 01 Nov, 2022 04:09 PM

shivraj singh changed the condition of madhya pradesh

मध्य प्रदेश आज अपना 67 वां स्थापना दिवस मना रहा है। आज के दिन वर्ष 1956 में 4 राज्यों के विलय के बाद मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ था। महाकौशल, विंध्य प्रदेश, मध्य भारत और भोपाल को मिलाकर देश का हृदय कहे जाने वाले इस कृषिप्रधान राज्य ने अपने आपको...

भोपाल(विवान तिवारी): मध्य प्रदेश आज अपना 67 वां स्थापना दिवस मना रहा है। आज के दिन वर्ष 1956 में 4 राज्यों के विलय के बाद मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ था। महाकौशल, विंध्य प्रदेश, मध्य भारत और भोपाल को मिलाकर देश का हृदय कहे जाने वाले इस कृषिप्रधान राज्य ने अपने आपको इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया। बता दें कि अब तक कुल 19 मुख्यमंत्री इस प्रदेश की बागडोर संभाल चुके हैं वही पिछले कई वर्षों से लगातार चार बार सीएम रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश भर में सबसे अधिक समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ में ही ऐसा कहा जाता है कि पूरे देश में इस मुख्यमंत्री ने सिर्फ रिकॉर्ड ही नहीं बनाया है बल्कि कई ऐसे बड़े विषयों पर बिल्कुल अलग और अनोखे तरीके के निर्णय लिए हैं जिनसे मध्य प्रदेश दूसरे राज्यों से हमेशा अलग रहा।

यही नहीं बीते कुछ वर्षों में जितनी तेजी से भारत ने विकास किया बिल्कुल कदम से कदम मिलाकर मध्यप्रदेश ने भी खुद को समृद्ध बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और इसका भी श्रेय प्रदेश के मुखिया को दिया जाता है। राजनीतिक विश्लेषक, पंडित और मध्य प्रदेश की राजनीति के साथ-साथ बदलाव पर खास नजर रखने वाले लोग कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हमेशा बातचीत कर प्रदेश के अन्य राज्यों से अलग और अधिक तेजी से विकास करने की बात करते हैं। ऐसे में आज उन बिंदुओं पर बात करेंगे जिनसे बीते कुछ वर्षों में राज्य में बड़े बदलाव हुए और आज जब मध्य प्रदेश अपना 67 वां स्थापना दिवस मना रहा है तो बहुत कुछ बदला हुआ है।

1) प्रदेश की बेटियों और महिलाएं पहली प्राथमिकता

बीते वर्ष 1 दिसंबर 2021 नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-5 की रिपोर्ट आई उसमे मध्यप्रदेश के लिए खुशखबरी थी, रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेटियों का मान बढ़ रहा है। लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। 2015-16 में जहां एक हजार बेटों पर 927 बेटियां जन्म ले रही थीं, वहीं 2020-21 में 956 बेटियों का जन्म हुआ है। राज्य में वर्ष 2007 के दौरान जब सीएम शिवराज मुखिया थे। तब उन्होंने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया और महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50% आरक्षण दिया था

वही देश भर में शिवराज सिंह सरकार ऐसी पहली सरकार है, जो किसी भी सरकारी कार्यक्रम में 'बेटियों की पूजा' करती है। वही इसके साथ में एक आधिकारिक घोषणा 25 दिसंबर को 2020 को कर दी थी। CM चौहान ने 15 अगस्त 2022 को घोषणा की थी कि राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रम 'बेटियों की पूजा' के साथ शुरू होंगे।

सरकारी आंकड़े के ये बताते है कि प्रदेश में 42 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मियां है। वही कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य पाप पर रोक लगी है। इसके साथ ही प्रदेश में कन्या विवाह/ निकाह योजना, लाड़ो अभियान, स्वागतम लक्ष्मी योजना, शौर्या दल, उदिता योजना, लालिमा योजना, ऊषा किरण योजना, वन स्टॉप सेंटर, अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना और मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास जैसे कई सफल योजनाएं चल रही है।

2) युवाओं के प्रति हमेशा जिम्मेदार

7 करोड़ की आबादी वाले मध्यप्रदेश राज्य में ढ़ाई करोड़ से भी अधिक की जनसंख्या युवाओं की है। ऐसे में राज्य में बहुत बड़े स्तर पर युवा हैं और इन युवाओं पर खास ध्यान देते हुए बीते कई वर्षों में जब से लगातार प्रदेश की बागडोर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। वह पूरी ताकत से युवाओं की मदद करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रहे हैं। उन्हें रोजगार दिलाने के लिए आए दिन कई बड़े कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को जागरूक करते रहते हैं। कई बार वह खुद भी मंच पर सहायता राशि प्रदान भी करते हैं।

यही नहीं नौकरियों के साथ-साथ खुद का स्वरोजगार प्रदेश के युवा कर सके उसके लिए लाखों रुपए की राशि भी वे प्रदान कर रहे है। 9 वर्ष 2020 में ही यह ऐलान कर दिया था कि राज्य के जो युवा है उन्हें ही राज्य में निकलने वाली सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। वे कई बार यह कहते हुए मिलते हैं रोजगार के लिए खर्च मामा देगा। वही सरकार कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसने देशभर के अन्य राज्यों से मध्य प्रदेश को युवाओं के विकास और उनकी पूरी मदद के लिए बिल्कुल अलग किया है।

3) राज्य का विकास

वर्ष 2005 का मध्य प्रदेश क्या था यह उन दिनों पत्रकारिता जगत में अपना खास प्रभाव रखने वाले पत्रकार और राजनीतिक पंडित बहुत अच्छे से बताते है। जिस प्रकार से मीडिया रिपोर्ट्स स्वरोजगार, वन्य-प्राणी संरक्षण, पर्यटन स्थलों के विकास, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के जन आस्था केंद्रों पर सुविधाओं के विस्तार, प्राकृतिक कृषि, स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के क्षेत्र में लगातार नई उपलब्धियां अर्जित करने की बात करते है उससे तब के मध्य प्रदेश और आपके मध्यप्रदेश में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। बता दें कि अब राज्य के गांव और शहर स्वच्छता सर्वे में बेहतर प्रदर्शन के लिए जाने जा रहे हैं। बीते कुछ दिनों पहले और कई वर्षों में लगातार कई बार मध्यप्रदेश सरकार कई ऐसी चीजें करती है जो देश के अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग होती है और पहली बार होती है।

आप लोगों को याद होगा कि महाकाल लोक उज्जैन में जिस प्रकार से बना है। ऐसा कहा जा रहा है कि वह पूरे देश का पहला ऐसा धार्मिक गलियारा है जो सबसे बड़ा है। यही नहीं कई दूसरे ऐसे कीर्तिमान आए दिन राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनते रहते है। जिसे लगातार अलग और पहली बार होने के लिए इतिहास के पन्नों में वो काम और तारीख दर्ज की जाती है।

राज्य की सड़कें, लोगों को आवास, जागरूकता, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और दूसरे राज्यों का प्रदेश में निवेश बीते कुछ वर्षों में इतना ज्यादा सरकारी आंकड़ों के अनुसार बढ़ा और विकसित हुआ है जो दूसरे अन्य राज्यों से अलग और अधिक है। इसके साथ में ही प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय में भी सुधार हुई है। वहीं कई आंकड़े भी सुधार होने की बात लगातार करते रहते हैं।

4) अपराध पर वज्र से भी कठोर सीएम शिवराज

बीते कुछ माह से बुलडोजर मामा के नाम से जाने जाने वाले सीएम शिवराज प्रदेश में होने वाले अपराध को लेकर के हमेशा गंभीर दिखाई पड़ते हैं। वह कभी भी तड़के सुबह सुरक्षा को लेकर के कई बड़े आला अधिकारियों की बैठक ले लेते हैं और उनकी कई ऐसी वायरल वीडियो देखने को आए दिन मिलती रहती है जिसमें वो सीधे तौर पर अपराधियों पर कार्यवाही करने के लिए निर्देश देते रहते हैं। वह भी बिल्कुल अपने देसी ठेठ अंदाज में। यही नहीं अपराध जैसे विषय में मध्य प्रदेश सरकार ने कई ऐसे निर्णय लिए हैं जो पहली बार लिए गए हैं जिसमे मध्यप्रदेश पहला राज्य भी बना है।

प्रदेश में नक्सली मूवमेंट हो, बलात्कार, चोरी डकैती और तमाम कई ऐसे मामले जिसने उनके नेतृत्व से पहले मध्यप्रदेश को पकड़ बना रखा था, कमजोर कर रखा था, उस पर खास ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को सबसे पहले डाकू मुक्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। नतीजतन कई मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी आंकड़े यह साफ बताते हैं कि प्रदेश में डाकू लगभग खत्म हो चुके हैं। बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए सीएम शिवराज लगातार अपना रौद्र रूप दिखाते हुए अधिकारियों को सीधे कार्यवाही करने के निर्देश देते हैं। नतीजतन प्रदेश में बलात्कारियों का घर तुरंत तोड़ दिया जाता है। इसके साथ में ही उन्हें कड़ी से कड़ी सजा भी दी जाती है। वहीं अन्य अपराधों पर भी नकेल कसने के लिए लगातार मध्य प्रदेश सरकार काम करने में लगा हुआ है।

5) नशे पर सीधा प्रहार

किसी भी राज्य में नशा एक ऐसा विषय है जो कई बार विकास को किनारा दिखा दिया करता है इसके साथ में ही एक बड़ा महत्वपूर्ण विषय भी होता है  प्रदेश की रिवेन्यू सिस्टम कहीं ना कहीं शराब की बिक्री पर कई बार टिकी भी होती है मगर इन दोनों को सही तरीके से बैलेंस कर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नशे पर कड़ा प्रहार किया है और वह उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण ये बताते कि उससे प्रदेश की युवा पीढ़ी को नुकसान ना हो।

कुछ दिनों पहले भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महात्मा गांधी के जयंती पर नशा मुक्ति अभियान का शुभारंभ किया है। उन दिनों साफ तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ये कहा था कि नशा करने से शरीर, मन, बुद्धि, परिवार किसी को लाभ नहीं होता है। नशा ही बर्बादी की जड़ है, इसलिए इससे दूरी आवश्यक है। नशा एक बार शुरू होता है तो इंसान को बर्बाद कर देता है। सरकार का काम सड़क पुल पुलिया, स्कूल, बांध, अस्पताल बनाना भी है, लेकिन इंसान की जिंदगी बनाना और बचाना भी सरकार के कामों में से एक है। 

अभियान की शुरुआत से ही खुले में शराब पीने वालों पर प्रशासन ने कार्यवाही करनी शुरू कर दी, इसके साथ में ही नाबालिगों को हुक्का पिलाने को लेकर के आने वाली खबरों पर रोक के लिए हुक्का लाउंज को पूरे मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया। पूरे मध्यप्रदेश में और अब जिस प्रकार की रिपोर्ट्स लगातार आ रहे हैं उसमें यह सामने निकल कर आ रहा है कि लगभग प्रदेश में हुक्का लाउंज बंद हो गए हैं इसके साथ में ही ड्रिंक एंड ड्राइव में भी कमी आने की बात कही जा रही है।

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