Edited By meena, Updated: 05 Sep, 2022 12:59 PM

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक मां अपने 15 महीने के बच्चे को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई। बाघ ने महिला पर हमला कर दिया। बाध के नाखून महिला के फेफड़ों तक घुस गए लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह 20 मिनट तक बाघ से लड़ती रही और अपने बेटे को बाघ...
उमरिया: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक मां अपने 15 महीने के बच्चे को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई। बाघ ने महिला पर हमला कर दिया। बाध के नाखून महिला के फेफड़ों तक घुस गए लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह 20 मिनट तक बाघ से लड़ती रही और अपने बेटे को बाघ के मुंह से छुड़ाने में कामयाब हुई। हालांकि इस जंग में महिला गंभीर घायल हुई है और उसका इलाज जबलपुर में चल रहा है। उसके मासूम बेटे को भी हल्की चोट आई है लेकिन वह एक दम सही सलामत है।

एक दम फिल्मी कहानी की तरह लगने वाली यह घटना रोहनिया गांव की है। भोला चौधरी की पत्नी अर्चना अपने परिवार के साथ मानपुर बफर जोन से लगी ज्वालामुखी बस्ती में रहती है। रविवार को लगभग 10 बजे वह अपने बेटे राजवीर को नजदीक की बाड़े में शौच के लिए ले गई थी। इसी दौरान झाड़ियों में छिपा बाघ कांटे की फेंसिंग को फांदकर अंदर आया और बच्चे को अपने जबड़े में दबाकर भाग खड़ा हुआ। बेटे को अपनी आंखों के सामने मौत के मुंह में जाते देख अर्चना का खून खौल गया। अपनी जान की परवाह न करते हुए उसने बाघ का पीछा किया और बेटे को छुड़ाने की कोशिश की। बाघ भी अपने शिकार को आसानी से छोड़ने वाला नहीं था।

इस दौरान बाघ ने अर्चना पर जवाबी हमला किया। बाघ के नाखून अर्चना के फेफड़ों तक घुस गए, लेकिन वो लड़ती रही। लगभग 20 मिनट तक यह जंग जारी रही। महिला और बाघ की आवाजें सुन आसपास के लोग लाठियां लेकर आ गए। लोगों का शोर सुन बाघ को हार माननी पड़ी। उसने अपना शिकार महिला का बेटा वहीं छोड़ा और जंगल की ओर भाग गया। अर्चना और उसके बेटे को दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया। जिला अस्पताल में जांच के बाद महिला की गर्दन टूटने की बात सामने आई। हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया। सिविल सर्जन डॉ. एलएन रूहेला ने बताया कि महिला की पीठ पर भी नाखून के गहरे घाव थे। टांके लगाने के बाद भी खून नहीं रुक रहा था। बच्चे के सिर में चोट आई है, लेकिन वह खतरे से बाहर है।