Edited By meena, Updated: 25 Apr, 2021 05:00 PM
कोरोना महामारी के इस दौर में फायर फाइटर के कर्मचारी अपने धर्म के साथ साथ अपनी ड्यूटी भी शिद्दत से कर रहे हैं। ये कर्मचारी रमजान के इस माह में रोज़े रख ड्यूटी पर तैनात है। और तो और नमाज भी कंट्रोल रूम में ही अदा करते हैं और रोजा इफ्तार भी(खोलते है)...
खंडवा(निशात सिद्दीकी): कोरोना महामारी के इस दौर में फायर फाइटर के कर्मचारी अपने धर्म के साथ साथ अपनी ड्यूटी भी शिद्दत से कर रहे हैं। ये कर्मचारी रमजान के इस माह में रोज़े रख ड्यूटी पर तैनात है। और तो और नमाज भी कंट्रोल रूम में ही अदा करते हैं और रोजा इफ्तार भी(खोलते है) वहीं करते हैं। यहां हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल भी नजर आती है जब साथी हिन्दू समाज के कर्मचारी इनके लिए इफ्तार का सामान लाते हैं और साथ मे ही रोजा इफ्तार करते है। इसी दौरान जब कभी आगजनी पॉइंट आते ये तुरंत मौके पर पहुंच कर आग को काबू में करते है।
यह लोग ड्यूटी के दौरान रोजा रख इबादत भी ड्यूटी पर ही करते है। इस पवित्र काम में उनके साथ ड्यूटी पर तैनात हिन्दू कर्मचारी भी उनकी पूरी मदद करते हैं और शाम होते ही सभी लोग एक साथ बैठकर रोजा इफ्तार करते हैं।
रमजान का पवित्र महीना मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है इस महीने में सभी मुस्लिम भाई रोजा रखते हैं, नमाज पढ़ते हैं और ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में निकालते हैं। खंडवा में नगर निगम के फायर ब्रिगेड में काम करने वाले मुस्लिम युवक भी रोजा भी रख रहे और अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी कर रहे हैं। यहां गंगा जमुनी तहजीब का नजारा साफ देखा जा सकता है । मुस्लिम युवकों का रोजा इफ्तार उनके हिंदू साथी साथ में बैठकर करा रहे हैं।
खंडवा के पुलिस कंट्रोल रूम में खड़ी 3 फायर फाइटर वाहन में 6 कर्मचारी एक साथ ड्यूटी करते हैं। इन कर्मचारियों में तीन कर्मचारी मुस्लिम और तीन हिंदू हैं। मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान चल रहा है जिसके चलते मुस्लिम कर्मचारी अपनी ड्यूटी के साथ ही इबादत भी कर रहे। इबादत और नमाज सबकुछ फायर गाड़ी के पास ही होता है, क्योंकि आपातकाल सेवा में न जाने कब कोई आगजनी की खबर आ जाए इसलिए गाड़ी छोड़ कर कहीं जा नहीं सकते।
ग्रीष्म ऋतु में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है जिसके चलते फायर बिग्रेड में काम करने वाले कर्मचारी हमेशा चौकन्ने रहते है। इनके साथ में काम करने वाले हिन्दू कर्मचारियों ने कहा कि मुस्लिम साथी रमजान में रोजे और नमाज पढ़ते है तो हम भी उन्हें सहयोग करते है । शाम को हम सभी मिलकर एक साथ रोजा इफ्तार (रोजा) खोलते है।