Edited By Vikas Tiwari, Updated: 08 Jan, 2023 02:59 PM
अक्सर कहा जाता है, की देश की राजधानी दिल्ली का आबोहवा बेहद प्रदूषित है। लेकिन ये बात शायद ही कोई जानता है की दिल्ली से भी कई गुना ज्यादा प्रदूषण मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली में है। यहां आलम कुछ ऐसा है कि जिले के चिल्का ढाड...
सिंगरौली (अनिल सिंह): अक्सर कहा जाता है, की देश की राजधानी दिल्ली का आबोहवा बेहद प्रदूषित है। लेकिन ये बात शायद ही कोई जानता है की दिल्ली से भी कई गुना ज्यादा प्रदूषण मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली में है। यहां आलम कुछ ऐसा है कि जिले के चिल्का ढाड गांव के रहने वाले ऐसे कई लोग 40 की उम्र में ही बुजुर्ग दिखने लगे हैं, जो 15 की उम्र तक सामान्य थे। प्रदूषण के चलते इनकी हड्डियां गलनी शुरू हो गई हैं, कमर झुक गई है। खुद से चल तक नहीं सकते हैं। आपको बता दें कि ये प्रदूषण यहां बने पावर प्लांट की देन है। एक रिपोर्ट के मुताबिक धुएं के साथ पारा और मरकरी खतरनाक स्तर पर निकल रहा है, और ये दो तीन साल का नहीं बल्कि कई सालों से बढ़ रहे प्रदूषण का नतीजा है। ये प्रदूषण अब इस कदर बढ़ चुका है कि यहां के पानी में रहकर मछलियों में भी जहरीली हो गई हैं।

ऊर्जा राजधानी सिंगरौली में प्रदूषण से बेकाबू हालत का मामला अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) पहुंचा है। एक याचिका की सुनवाई करते हुए NGT ने प्रदूषण से पड़ रहे असर पर एक रिपोर्ट बनाने के लिए हाई लेवल जांच कमेटी सिंगरौली भेजी। NGT की इस हाई लेवल कमेट ने लोगों के बाल और ब्लड के साथ मिट्टी, पानी और फसलों के सैंपल कलेक्ट किए।

दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण का धुआं सिंगरौली में ...
प्रदूषण से सिंगरौली के हालात ये हैं कि शहर के प्रमुख जयंत चौराहे पर शाम चार बजे से ही कोहरे जैसा माहौल हो जाता है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर रहता है, जो कि 100 तक होना चाहिए। धूल और धुएं के चलते आंखों में तेज जलन तो होती है साथ ही सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं यहां खदानों की बात करें तो वहां धूल के गुबार के चलते माहौल ऐसा है कि 100 मीटर दूर की चीज दिखाई ही नहीं देती। प्रदूषण के चलते सिंगरौली का PM (2.5) WHO की गुणवत्ता मानक से 6 गुना अधिक है। जिले के घसिया मोहल्ला में आज भी वहां के लोग NCL और रिलायंस के कोल बाशरी में बह रहे नदी का जहरीला पानी पीने के लिए मजबूर हैं।
ऐसा नहीं है कि इससे पहले कभी भी इस प्रदषूण के बारे में चेताया नहीं गया। शासन से लेकर प्रशासन तक हर बार ये बात पहुंचाई गई, लेकिन कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसके चलते अब सिंगरौली में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। अब देखना होगा की हमारी इस रिपोर्ट के बाद इस भयानक प्रदूषण को रोकने के लिए सरकारें क्या कदम उठाती हैं।