Edited By Vikas Tiwari, Updated: 02 Feb, 2023 06:41 PM

वीर सावरकर को लेकर देश में लगातार राजनीतिक बहस होती रहती है। लेकिन इस बार दिग्विजय सिंह ने उनको लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो कई सवाल खड़े करता है। भोपाल में संबोधन के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि वीर सावरकर भी मानते थे की हिंदू गौमांस खाता है, हिंदू...
मध्यप्रदेश डेस्क (विकास तिवारी): वीर सावरकर को लेकर देश में लगातार राजनीतिक बहस होती रहती है। लेकिन इस बार दिग्विजय सिंह ने उनको लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो कई सवाल खड़े करता है। भोपाल में संबोधन के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि वीर सावरकर भी मानते थे की हिंदू गौमांस खाता है, हिंदू और हिंदुत्व में फर्क होता है, यहां तक की दिग्विजय ने सावरकर के हवाले से ये बात भी कही की गौमांस खाना गलत नहीं है। दिग्विजय का ये बयान उनके अब तक के बयानों में सबसे बड़ा है, और खास तौर पर सावरकर को खुलकर समर्थन करने वाली भाजपा के खिलाफ... लेकिन दिग्विजय के इस दावे पर अब तक किसी भाजपा नेता ने ये नहीं कहा है कि सावरकर ने ऐसा कहा था भी या नहीं... तो आइए हम आपको बता ते हैं कि दिग्विजय सिंह द्वारा वीर सावरकर पर किए गए दावे में कितना दम है।

सावरकर ने कहा था... गाय को माता मत मानिए, उसकी सेवा कीजिए..
विनायक दामोदर सावरकर ने मराठी भाषा में ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ किताब में गाय को लेकर अपने विचार स्पष्ट किए थे। राष्ट्रीय स्मारक प्रकाश मुंबई ने 'विज्ञाननिष्ठ निबंध' के भाग 1 और भाग 2 में गाय को लेकर वीर सावरकर के विचार लिखे हैं। इस किताब के अध्याय 1.5 का जो शीर्षक है- गोपालन हवे, गोपूजन नव्हे... जिसका हिंदी में अनुवाद है गाय की देखभाल कीजिए, उसकी पूजा नहीं...

गाय को पूज्य मानना अपमना है...
सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि ‘ईश्वर सर्वोपरि है। उसके बाद मनुष्य का स्थान है, और फिर पशु हैं। गाय के बारे में लिखा गया है कि गाय एक ऐसा पशु है जिसके पास मूर्ख से मूर्ख इंसान जैसी भी बुद्धि नहीं होती। गाय को दैवीय कहते हुए मनुष्य से इसे ऊपर मानना अपमान है। जब आप गाय की पूजा करते हैं तो आप मानव जाति का स्तर नीचे गिराते हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि गाय पूज्य है.. जैसी मूर्खतापूर्ण बातों ने देश को बहुत हानि पहुंचाई है। हिंदू साम्राज्यों को इस मान्यता की वजह से कई बार हार का सामना करना पड़ा। क्योंकि वे गाय की हत्या नहीं कर सकते थे। मुसलमानों ने गाय को ढाल की तरह इस्तेमाल किया, क्योंकि उन्हें इस बात पर पूरा भरोसा था कि हिंदू गाय का जरा भी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। अंत में सावरकर ने लिखा है कि विज्ञान हमें बताता है कि गाय उपयोगी है, इसलिए हमें उसे नहीं मारना चाहिए। लेकिन यदि वह मनुष्य की भलाई के लिए अहितकर साबित हो तो, उसे मारा भी जा सकता है।

गाय की पूजा नहीं करिए.. उसकी अच्छी देखभाल करिए...
इन सब के अलावा सावरकर ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि गाय उपयोगी है। अगर गाय का सर्वोत्तम उपयोग करना है तो उसकी अच्छी देखभाल करनी पड़ेगी।

तो ये थे वो अंश जो वीर सावरकर कि किताब में लिखे हुए हैं, जिसे दिग्विजय सिंह अपनी सभाओं में कह रहे हैं। शायद यही वजह है कि भाजपा का कोई भी नेता इस मुद्दे पर अपनी बात नहीं रख रहा है और न ही सावरकर से जुड़ी इस किताब का जिक्र कर रहा है।