Edited By meena, Updated: 10 Aug, 2024 07:23 PM
जुलाई और अगस्त महीने के दौरान गुना जिले में सर्पदंश के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है
गुना (मिस्बाह नूर) : जुलाई और अगस्त महीने के दौरान गुना जिले में सर्पदंश के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। जिला अस्पताल के आंकड़ों में ऐसे पीड़ितों की संख्या लगभग 22 है, जिन्हें घर अथवा उनके कार्यक्षेत्र पर सांप ने काट लिया और बाद में अस्पताल लाना पड़ा है। अभी तक खेतो में जंगलों में सर्पदंश की घटनाएं सुनने मिलती थी लेकिन देखने मे आ रहा है कि अब सांप घरों में घुसकर काट रहे हैं। सोमवार को विजयपुर डोंगर में बुजुर्ग महिला को सांप ने काटा। उसी दिन भूरा चक सिलावटी में युवक को घर के भीतर सोते समय काटा। तीसरे मामले में पवन कॉलोनी में घर मे बिस्तर बिछाते समय युवक को सांप ने काट लिया। इसी तरह कल सकतपुर में महिला को रात के वक्त सोते समय बिस्तर में सांप ने काट लिया। इन सभी मामलों में समय रहते अस्पताल पहुंचने पर पीड़ितों की जान बच सकी। इस तरह की घटनाओं को लगातार बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने लोगों से की अपील की है कि वे सर्पदंश का शिकार होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचे, झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर पीडि़त की जान जोखिम में न डालें।
वहीं शनिवार को भी सर्पदंश का एक मामला जिले के राघौगढ़ क्षेत्र में सामने आया। यहां अशोक सैनी की 12 वर्षीय पुत्री प्रियांशी सैनी को उस समय सांप ने काट लिया जब वह स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही थी। प्रियांशी के परिजनों ने दावा किया कि उन्होंने सांप को देख लिया था, लेकिन वह किसी तरह भाग निकलकर और आसपास कहीं जाकर छिप गया है। बच्ची के परिजनों ने जागरुकता और समझदारी का परिचय दिया और किसी झाड़-फूंककर के चक्कर में न पड़ते हुए सीधे राघौगढ़ अस्पताल पहुंचे। जहां प्रियांशी का उपचार शुरु किया गया और मामले की गंभीरता को समझते हुए अस्पताल प्रबंधन ने उसे 108 एम्बुलेंस के माध्यम से गुना रैफर कर दिया। बताया जा रहा है कि सर्पदंश पीडि़त बालिका की हालत में सुधार है, उसे फिलहाल चिकित्सकों की निगरानी में भर्ती कराया गया है।
इस घटना के जरिए एक बार फिर यह साबित हो गया है कि सर्पदंश पीडि़तों को जल्द से जल्द अस्पताल लाना ही समझदारी है। अगर कोई व्यक्ति झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाता है तो मरीज की जान भी खतरे में पड़ सकती है। शनिवार को सर्पदंश की शिकार हुई बालिका के परिजनों ने भी जिलेवासियों से ऐसी ही अपील की। बालिका के पिता यू-ट्यूब पर वीडियो बनाने वाले स्नेक एक्सपर्ट दिनेश सैनी से प्रभावित थे, जो लगातार सांप से बचने के लिए उपचार कराने की सलाह देने वाले वीडियो सोशल पर अपलोड करते हैं। उधर जिला अस्पताल प्रबंधन ने भी बारिश का सीजन देखते हुए आम नागरिकों से अपील की है कि वे सर्पदंश पीडि़तों को एक घंटे से पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराना सुनिश्चित करें, ताकि बेहतर उपचार के जरिए मरीज की जान बचाई जा सके।