Edited By meena, Updated: 05 Aug, 2025 05:47 PM

मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद से जुड़े कॉलेज को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है...
भोपाल (इजहार हसन) : मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद से जुड़े कॉलेज को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कॉलेज की सॉल्वेंसी और ज़मीन की रजिस्ट्री फर्जी पाई गई है, जिसे लेकर अब एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मामला बेहद संवेदनशील हो गया है क्योंकि इससे न केवल विधायक की साख पर सवाल खड़े हुए हैं बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।
क्या है पूरा मामला
विधायक आरिफ मसूद द्वारा संचालित एक निजी कॉलेज को लेकर यह आरोप सामने आया कि उसकी सॉल्वेंसी प्रमाण-पत्र और भूमि रजिस्ट्री दस्तावेज़ फर्जी हैं। आरोप यह भी है कि कॉलेज जिस जमीन पर चलाया जा रहा है, वह ज़मीन कॉलेज के नाम पर न होकर किसी निजी व्यक्ति के नाम पर है। इसके बावजूद कॉलेज को अनुमति दी गई और वर्षों से संचालन होता रहा।
विधानसभा में कैसे उठा मामला
विधानसभा सत्र के दौरान इस मामले को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने जोरशोर से उठाया। उन्होंने सदन में सवाल किया कि जब ज़मीन संस्थान के नाम पर नहीं है, सॉल्वेंसी फर्जी है, तो फिर कॉलेज को कैसे अनुमति दी गई? इस पर सदन में भारी बहस हुई और सरकार से जवाब मांगा गया। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब में बताया कि कॉलेज से जुड़े सभी दस्तावेजों– सॉल्वेंसी, रजिस्ट्री और अन्य कागजात– की जांच की गई और सभी फर्जी पाए गए। भोपाल कलेक्टर ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कॉलेज को दी गई मान्यता फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर दी गई थी। कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है।
क्या पाया गया जांच में
27 सितंबर 2005 को हुई ज़मीन की रजिस्ट्री अवैध पाई गई। कॉलेज के पास आवश्यक सॉल्वेंसी प्रमाण-पत्र नहीं है, जो कि नियमों के अनुसार अनिवार्य है। जिन अधिकारियों ने यह फर्जी अनुमतियां दीं, उनकी भूमिका की भी जांच होगी।
विधानसभा में क्या निष्कर्ष निकला
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह संस्थान फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर संचालित हो रहा है, ऐसे में इसे संरक्षण नहीं मिल सकता। एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। इस पूरे मामले में अंतिम जांच रिपोर्ट आ चुकी है, जिसके आधार पर अब कानूनी कार्रवाई शुरू होगी।
विजयवर्गीय और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि एक-एक जानकारी फर्जी निकल रही है। ऐसे संस्थानों को संरक्षण देना शिक्षा व्यवस्था के साथ मज़ाक है। उन्होंने मांग की कि सिर्फ कॉलेज ही नहीं, जो अधिकारी इसमें शामिल थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
अब क्या होगा आगे
एफआईआर की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी कॉलेज की मान्यता रद्द की जा सकती है। अन्य ऐसे संस्थानों की भी जांच की तैयारी है जो फर्जी दस्तावेज़ों पर काम कर रहे हैं।