Edited By Vikas Tiwari, Updated: 28 Aug, 2025 01:37 PM

मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत शुरू की गई एकल नल जल योजनाओं के संचालन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग को सौंपी जाएगी। इस काम पर हर साल लगभग 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। विभाग ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है...
भोपाल: मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत शुरू की गई एकल नल जल योजनाओं के संचालन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग को सौंपी जाएगी। इस काम पर हर साल लगभग 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। विभाग ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है और इसे आगामी कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एकल नल जल योजनाएं खासकर उन गांवों के लिए बनाई गई हैं, जहां स्थानीय स्तर पर छोटे जल स्रोतों से पानी की आपूर्ति संभव है। सरकार ने अब तक 27,990 गांवों के लिए ऐसी योजनाओं को स्वीकृति दी है।
जिम्मेदारी को लेकर महीनों से चला विवाद
कई महीनों से इस बात पर पेंच फंसा हुआ था कि इन योजनाओं के संचालन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कौन संभालेगा। मुख्य सचिव और मंत्री स्तर की बैठकों में भी सहमति नहीं बन पाई थी। अंततः मुख्यमंत्री की चर्चा के बाद फैसला हुआ कि इसका जिम्मा पीएचई विभाग को ही दिया जाएगा।
2027 तक पूरा होगा मिशन
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में करीब 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लक्ष्य है कि मार्च 2027 तक सभी गांवों में सुगम और स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिम्मेदारी तय न होने की वजह से योजना अटकने का खतरा था, जिसे सरकार ने प्राथमिकता से सुलझाया।
इमरजेंसी सेवाओं के लिए तैयारियां
पीएचई विभाग अब गांव-गांव में इमरजेंसी वाहन तैनात करेगा। ये वाहन जरूरी मशीनरी—ट्राईपॉड, चैन-पुल्ली और अन्य उपकरणों से लैस होंगे। किसी भी खराबी या इमरजेंसी कॉल आने पर तुरंत गांव की ओर रवाना होंगे।