Edited By Vikas Tiwari, Updated: 25 Aug, 2025 01:41 PM

मध्यप्रदेश के दिव्यांग और निशक्त बच्चों के लिए बड़ी पहल की जा रही है। अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए स्पेशल एजुकेटर नियुक्त किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग करीब 3 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। ये शिक्षक ब्रेल...
भोपाल: मध्यप्रदेश के दिव्यांग और निशक्त बच्चों के लिए बड़ी पहल की जा रही है। अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए स्पेशल एजुकेटर नियुक्त किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग करीब 3 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। ये शिक्षक ब्रेल लिपि से लेकर हाथ के इशारों तक की शिक्षा देकर बच्चों को पढ़ाएंगे।
प्रदेश के स्कूलों में वर्तमान में करीब 35 हजार दिव्यांग बच्चे दर्ज हैं, जिनमें से 1100 बच्चे राजधानी भोपाल के स्कूलों में पढ़ रहे हैं। विभाग के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया के नियम तय हो चुके हैं और इन शिक्षकों के लिए स्पेशल बीएड योग्यता अनिवार्य होगी। राजधानी के भोज विश्वविद्यालय में यह कोर्स कराया जाता है।
अब तक बिना स्पेशल एजुकेटर के पढ़ रहे थे बच्चे
अब तक अधिकांश दिव्यांग बच्चे बिना स्पेशल एजुकेटर के पढ़ाई कर रहे थे। दाखिले के नियम बनने के बाद भी शिक्षकों की स्थाई व्यवस्था नहीं की गई थी। फिलहाल कॉन्ट्रेक्ट बेस पर कुछ व्यवस्था की गई थी, लेकिन स्थाई समाधान नहीं था।
सामान्य बच्चों के साथ एडमिशन
स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों के मुताबिक दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ ही प्रवेश दिया जाता है। हालांकि, शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई में दिक्कतें आ रही थीं। भोपाल के अरेरा कॉलोनी जैसे क्षेत्रों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
काउंसलिंग की भी जरूरत
काउंसलर गौरव श्रीवास्तव ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि स्पेशल एजुकेटर के साथ-साथ इन बच्चों की काउंसलिंग भी कराई जानी चाहिए। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा जाएगा।