Edited By Vikas kumar, Updated: 19 Sep, 2019 02:19 PM
झाबुआ उपचुनाव से पहले कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा मानसून सत्र में सीएम कमलनाथ बीजेपी के 2 विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल को तोड़कर लाए थे। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शरद कोल पाला बदलते नजर आ रहे हैं..
भोपाल: झाबुआ उपचुनाव से पहले कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा मानसून सत्र में सीएम कमलनाथ बीजेपी के 2 विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल को तोड़कर लाए थे। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शरद कोल पाला बदलते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस को समर्थन करने वाले विधायक शरद कोल ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि मैं बीजेपी में ही हूं। ऐसे में कांग्रेस का एक विधायक कम हो गया है। हालांकि बीजेपी के नारायण त्रिपाठी अब भी कमलनाथ के साथ नजर आ रहे हैं।
दरअसल, विधासनभा सत्र के दौरान एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। जिसके बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया था। दोनों विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे थे। लेकिन शरद कोल ने बीजेपी में रहने का फैसला लिया है। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मॉब लिंचिंग प्रस्ताव के समर्थन में उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट किया था जिसका समर्थन उनकी पार्टी भी कर रही थी। उन्होंने साफ किया कि वे बीजेपी के विधायक हैं और हमेशा रहेंगे।
कौन है शरद कोल
शरद कोल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर शहडोल जिले की ब्यौहारी सीट से जीत दर्ज की थी। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। तब वह युवा कांग्रेस के नेता थे। इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक 10 दिन पहले वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और ब्यौहारी सीट से बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया। वह चुनाव जीतकर विधायक बन गए।