Edited By meena, Updated: 20 Nov, 2024 07:43 PM
भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल अब निजी कंपनियों की तर्ज पर अपनी सेवाओं और संसाधनों में विस्तार कर रहा है...
गुना (मिस्बाह नूर) : भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल अब निजी कंपनियों की तर्ज पर अपनी सेवाओं और संसाधनों में विस्तार कर रहा है। इसके लिए सबसे पहले निगम अपने नेटवर्क को 3जी से 4जी स्पीड में अपग्रेड कर रहा है। केंद्र सरकार ने गुना जिले में उपलब्ध 68 टॉवरों की संख्या को 200 तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
बीएसएनएल की सेवाओं का विस्तार करने के संबंध में बुधवार को निगम के एबी रोड स्थित कार्यालय में आला अधिकारी मीडिया से मुखातिब हुए और कंपनी के सेवा विस्तार संबंधी उद्देश्य की जानकारी दी। इस दौरान खासतौर यह बताया गया कि बीएसएनएल उपभोक्ता अपग्रेड होने के लिए तैयार हो जाएं। सबसे पहले वे अपनी पुरानी सिम को स्थानीय आउटलेट या बीएसएनएल के दफ्तर आकर जमा कर दें और नई सिम प्राप्त कर लें ताकि उपभोक्ताओं को अपग्रेड नेटवर्क और अपग्रेड 4जी स्पीड का लाभ प्राप्त हो सके। बीएसएनएल के सेवा विस्तार कार्यक्रम के तहत गुना में 56 अतिरिक्त टॉवर लगाने की स्वीकृति के संबंध में भी अधिकारियों ने जानकारी दी।
बताया गया कि केंद्र सरकार की नीति के मुताबिक गुना जिला के संचारविहीन क्षेत्र में 4जी के 86 टॉवर लगाने की योजना थी। इनमें से 51 टॉवर लगा दिए गए हैं, जबकि 25 टॉवर लगाने का काम जारी है। वहीं गुना सांसद और केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से गुना जिले को बीएसएनएल ने 56 अतिरिक्त टॉवरों की सौगात दी है। इस तरह साल 2024-25 के अंत में गुना जिले में बीएसएनएल के 4जी टॉवरों की संख्या 200 के पार चली जाएगी, जिसके बाद उपभोक्ताओं को नेटवर्क कमजोर होने या फिर कॉल ड्रॉप की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस परियोजना पर बीएसएनएल द्वारा केवल गुना जिले में 10 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा बीएसएनएल फाइवर सेवाओं को भी उपभोक्ताओं को आसानी से उपलब्ध कराएगी। जिन टॉवरों को 4जी में अपग्रेड किया जा रहा है, उनकी तकनीकी क्षमता इस तरह बताई जा रही है जिससे उपभोक्ताओं को 5जी स्पीड मिल सकेगी। हालांकि कम्पनी के अधिकारियों ने माना कि गुना जिले में अभी भी लगभग 10 प्रतिशत गांव ऐसे हैं जहां या तो पूरी तरह बीएसएनएल का नेटवर्क नहीं है या फिर नेटवर्क नहीं मिलने की समस्याओं का सामना उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है। हालांकि बीएसएनएल की ओर से दावा किया गया कि वे अपनी तकनीकी खामियों को जल्द ही पूरी तरह दूर कर लेंगे।