Edited By meena, Updated: 24 Feb, 2025 05:42 PM
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 2047-48 तक 18 गुना बढ़कर 248.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है...
भोपाल: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 2047-48 तक 18 गुना बढ़कर 248.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। सीआईआई ने सुझाया है कि अपनी क्षमता का अहसास करने के लिए राज्य को विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहिए और औद्योगिक विस्तार को अपनी प्राथमिकताओं में रखना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 8.60 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ते हुए 2047-48 तक 248.60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है जो फिलहाल 13.60 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है। सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट राजधानी भोपाल में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश'' के दौरान जारी की है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार निवेश और विकास को गति देने के लिए समर्पित है और राज्य 2047-48 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपना योगदान 4.60 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर छह प्रतिशत करने की स्थिति में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सूबे को अपने महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विनिर्माण उद्योगों और औद्योगिक विस्तार को केंद्र में रखना होगा। इसके मुताबिक वर्तमान में राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 43 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दीर्घ अवधि में वृद्धि को बरकरार रखने के लिए प्रदेश को अपनी अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र की भागीदारी 7.20 फीसद के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 2047 तक 22.20 प्रतिशत पर पहुंचानी होगी। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकार को परिवहन अवसंरचना, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, हवाई माल परिवहन और विमानन संपर्क बढ़ाने सहित अवसंरचना विकास पर जोर देना चाहिए। इसके मुताबिक विशेष रूप से कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे अधिक रोजगार वाले क्षेत्रों के लिए कुशल कार्यबल की उपलब्धता को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया कि भूमि अधिग्रहण और पंजीकरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना भी महत्वपूर्ण है।