भाजपा सरकार के संरक्षण में धान घोटाला, पिछले साल 1000 करोड़ था, इस बार और बढ़ेगी घोटाले की राशि - सुरेंद्र वर्मा

Edited By meena, Updated: 21 Jun, 2025 07:12 PM

congress spokesperson accused bjp of paddy conservation

खरीफ सीजन 2025 के धान संग्रहण केंद्रों से 84 हजार मीट्रिक टन की कमी को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा...

रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह) : खरीफ सीजन 2025 के धान संग्रहण केंद्रों से 84 हजार मीट्रिक टन की कमी को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले खरीफ सीजन में भी रखरखाव और परिवहन में गड़बड़ी करके 1000 करोड़ का धान घोटाला किया गया था, इस बार यह आंकड़ा और बढ़ेगा। इसी बदनीयती से भाजपा सरकार ने धान संग्रहण केंद्रों से 72 घंटों के भीतर उठाव का नियम बदला था, ताकि नुकसान बताकर धान गायब करवा सकें। छत्तीसगढ़ में 2038 प्राथमिक शाख समितियां कार्यरत हैं, जिसके अंतर्गत 2739 धान संग्रहण केंद्र संचालित है, इन सभी सहकारी सोसाइटियों में भ्रष्टाचार करने के लिए भाजपा की सरकार ने अपने ही नेता कार्यकर्ताओं को प्रभारी नियुक्त किया है। इन्हीं के आंकड़ों में विगत खरीफ़ सीजन में खरीदे गए धान में से 84 हजार मीट्रिक टन गायब हैं, बेहद स्पष्ट है कि भाजपा नेताओं के संरक्षण में ही धान चोरी हुए। भाजपा सरकार आने के बाद से सहकारी सोसाइटियों को भाजपा नेताओं का चारागाह बना दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार की बदनीयती से छत्तीसगढ़ के सहकारी सोसाइटियों की आर्थिक स्थिति चरमरा रही है, हजारों करोड़ का आर्थिक नुकसान समितियों को हो रहा है। धान संग्रहण केंद्रों में धान खरीदी के दावे और वास्तविक स्टॉक में जमीन आसमान का अंतर है। रायपुर संभाग में 17048, बस्तर संभाग में 21629, बिलासपुर संभाग में 6512, दुर्ग संभाग में 28246 और सरगुजा संभाग में 9878 मैट्रिक टन धान कम पाए गए, जिसका साफ मतलब है कि सरकार के संरक्षण में पूरे प्रदेश में 84 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा धान गायब कर दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार किसान हितैषी होने का केवल ढोंग करती है, असलियत यह है डिप्टी सीएम विजय शर्मा के गृह जिले कवर्धा के पंडरिया के केवल तीन संग्रहण केंद्रों में की गई जांच में ही खरीदी के दावों से 3 करोड़ 36 लाख के धान कम पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार दवा गुड़ान में 8440 क्विंटल, सरइसेत में 497 क्विंटल और बघर्रा में 196 क्विंटल धान की गड़बड़ी प्रमाणित हुई है। खरोरा के पचरी धान खरीदी केंद्र में 425 क्विंटल धान गायब है, लगभग यही स्थिति प्रदेश के अन्य सभी धान उपार्जन केंद्रों में है। सोसाइटी में नियुक्त भाजपा नेता, कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त नागरिक आपूर्ति निगम की भूमिका भी संदिग्ध है। सरकार अनियमितता और भ्रष्टाचार में शामिल भाजपाइयों को बचाने के लिए निष्पक्ष जांच और ठोस कार्रवाई करने के बजाय केवल लीपापोती कर रही है। सरकार की मंशा स्पष्ट है, न किसी से वसूली, न किसी की गिरफ्तारी, भ्रष्टाचारियों को सरकार खुला संरक्षण दे रही है।

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