पंचायती राज के मुंह पर कालिख पोत रहा भ्रष्ट सचिव, सरकारी योजनाओं में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 18 Nov, 2020 05:49 PM

corrupt secretary was the soot vessel at the mouth of panchayati raj

पूरे भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को सच करने के उद्देश्य से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था। जिसका उद्देश्य ग्रामों को स्वावलंबी बनाने के साथ विका ...

सिवनी (अब्दुल काबिज खान): पूरे भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को सच करने के उद्देश्य से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था। जिसका उद्देश्य ग्रामों को स्वावलंबी बनाने के साथ विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए गांव की सत्ता ग्रामीणों के हाथ में देना था। 

PunjabKesari, Government Housing Scheme, Prime Minister Housing Scheme, BJP, Panchayat Secretary, Corruption, Seoni, Madhya Pradesh

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का विचार था कि सच्चा लोकतंत्र केंद्र में बैठकर राज्य चलाने वाला नहीं होता। अपितु यह तो गांव की प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से चलता है। लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी हमारा देश विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा नहीं हो पाया है। जिसका मुख्य कारण पंचायतीराज के ज़िम्मेदार पंचायत सचिव और पंचायत अधिकारी की अर्थ लिप्सा और स्वार्थ लिप्सा है। जिसका जीता जागता उदाहरण सिवनी जिले के इमरान खान जैसे भ्रष्ट शासकीय कर्मचारी हैं, जो सरकार की हर योजनाओं पर रिश्वतखोरी का छन्ना लगाकर योजनाओं में पात्रों को अपात्र व  आपात्रों को पात्र बना कर सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं।

PunjabKesari, Government Housing Scheme, Prime Minister Housing Scheme, BJP, Panchayat Secretary, Corruption, Seoni, Madhya Pradesh

मामला है सिवनी जिले के धनोरा जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोरखपुर का है। जहां सितम यह है कि ग्रामीणों का बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो पाता है। कदम-कदम पर भ्रष्ट रोजगार सहायक इमरान खान से सामना हो ही जाता है, और ना चाहते हुए भी उनकी जेब में डाका डाल लिया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सहायक द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर शौचालय निर्माण आदि सभी योजनाओं के बदले 5 से 10 हजार रुपये तक की घूस ली जाती है। साथ ही ग्रामीणों ने रोजगार सहायक के मामा ठेकेदार,जो पंचायत के हर निर्माण कार्य को 10% के कमीशन पर करते हैं जिसका हिस्सा सचिव को भी दिया जाता है। जिसका खुलासा स्वयं गांव के सरपंच द्वारा किया गया है। साथ ही फर्जी बिल, फर्जी हाजिरी के तहत राशि आहरण, हफ्ते में एक दिन पंचायत का खोलना आदि गंभीर आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं। अगर उच्च अधिकारी इस मामले की गंभीरता से निष्पक्ष जांच करें, तो निश्चित ही बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!