मुख्यमंत्री मोहन ने राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कार्यशाला का किया शुभारंभ

Edited By Himansh sharma, Updated: 24 Jul, 2025 07:54 PM

forest development corporation restored forest wealth

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खनन गतिविधियों और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया में बने राख के पहाड़ों पर वनों को विकसित करने की चुनौती स्वीकार कर मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम ने वन सम्पदा को पुनर्स्थापित किया है। प्रदेश के तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुनर्वास करना बड़ी उपलब्धि है। वन विकास निगम इस उपलब्धि के लिए बधाई का पात्र है। यह गर्व का विषय है कि अन्य राज्य भी निगम की इस विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं। प्रदेश में अद्यतन तकनीक के माध्यम से वनों का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश वन सम्पदा में देश में सर्वश्रेष्ठ है। राज्य सरकार वनों और वन उपज के साथ वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश के सघन वन क्षेत्र की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए वन सेवा के अधिकारी-कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

PunjabKesari

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सभी दिशाओं में क्षमता विकास और प्रगति के अवसर उपलब्ध हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में विशेष पहल की जा रही है। राज्य सरकार जू (चिड़ियाघर) तथा वन्य जीवों का रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य वन विकास निगम द्वारा विकसित वनों के प्रबंधन और आगामी कार्ययोजना के बारे में विचार मंथन की आवश्यकता है। अब तक किए गए कार्यों का सिंहावलोकन करते हुए राज्य सरकार वन विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विशेष नवाचार और पहल करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन विकास निगम के केन्द्रों में ईको टूरिज्म की गतिविधियां संचालित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का जोधपुर आम और बबूल की लकड़ी के आधार पर फर्नीचर के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है। प्रदेश में उपलब्ध सागौन और अन्य श्रेष्ठ काष्ठ के उपयोग से मध्यप्रदेश भी इस प्रकार की पहल कर सकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। प्रदेश के वन, देश की कई प्रमुख नदियों को जलराशि से समृद्ध बनाते हैं। प्रदेश के विशाल भू-क्षेत्र में फैली वन आधारित जीवनशैली हमें प्रकृति के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है। देश में सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में हैं। चंबल क्षेत्र में घड़ियाल भी वन्यजीव पर्यटन की शोभा बढ़ा रहे हैं। वन विभाग ने विलुप्तप्राय गिद्धों का संरक्षण करते हुए प्रदेश में गिद्धों को नया जीवन प्रदान किया है। सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिए राज्य सरकार योजनाओं पर कार्य कर रही है। प्रदेश में सर्प गणना की तैयारी हो रही है। मध्यप्रदेश ऐसा क्षेत्र हैं, जहां टाइगर और मनुष्य सहचर्य की भावना से साथ-साथ रहते हैं।

PunjabKesariमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने वन विकास निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का सम्मान किया। इनमें सर्वश्री आर.के. नामदेव, आर.एस. नेगी, रतन पुरवार, पी.सी. ताम्रकार तथा भगवंतराव बोहरपी को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निगम के स्वर्ण जयंती वर्ष पर वन विकास की आगामी कार्ययोजना पर केन्द्रित विजन-2047 का अनावरण किया। इस अवसर पर वन विकास निगम द्वारा संचालित गतिविधियों और उसकी विकास यात्रा पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के संचालक के.रविचंद्रन ने अंगवस्त्रम और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंटकर अभिवादन किया।

वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन विकास निगम, स्थानीय लोगों को जोड़ते हुए वन संरक्षण की गतिविधियां संचालित कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक नवाचार क्रियान्वित हो रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश को वन संपदा से समृद्ध करने के लिए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान शुरू किया गया। प्रदेश में जल संरक्षण के लिए जल-गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत प्रदेश में अनेकों कुए, बावड़ी, तालाब और जलस्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया गया। जल-गंगा संवर्धन अभियान भूजल स्तर सुधार के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है। राज्य वन विकास निगम की भूमिका सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।

अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णबाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसा पर 1975 में स्थापित राज्य वन विकास निगम अपनी स्थापना से लेकर अब तक निरंतर लाभ में ही रहा है। पर्यावरणीय आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध निगम की गतिविधियों से जंगल के साथ-साथ लोगों की जिन्दगी भी संवर रही है। निगम का 50वां स्थापना दिवस मनाना हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। वन विकास निगम के सहयोग से 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर जंगलों का विकास और ट्रीटमेंट किया गया। इस उपलब्धि में निगम के अधिकारी और कर्मचारियों का योगदान महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, वन तथा वानिकी के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि और भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!