Edited By Himansh sharma, Updated: 07 Apr, 2025 11:47 AM

सिंगरौली में शासकीय भूमि पर बना लिए गए मकान
सिंगरौली। (अंबुज तिवारी): मध्यप्रदेश में शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कर जबरन कब्जा जमाने की बात आम हो गई है। इसे हटाने के आदेश कागजों में दे दिए जाते हैं लेकिन अधिकारियों की उदासीनता इतनी कि इन आदेशों का 10 वर्ष बाद भी पालन नहीं होता है.सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के ग्राम पंचायत बंधा में भी कुछ ऐसा ही हुआ है.
ग्राम पंचायत बंधा की शासकीय आराजी 256 के रकबा 0.920 हे. के अंश रकबा 0.04 हे. से अतिक्रमण हटाने का आदेश 10 वर्ष पूर्व ही किया गया था.
2015 में आदेश जारी होने के बाद 2016 में तहसीलदार ने अतिक्रमण करने वाले चहली निवासी धर्मेंद्र सिंह चौहान को 7 दिन में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी.अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो गांव के ही दिलीप सिंह चौहान ने SDM देवसर के यहां आवेदन देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की. SDM ने भी बीते वर्ष के अक्टूबर में नायब तहसीलदार वृत्त सरौंधा को 2015 के आदेश का पालन कराने के लिए कहा था.लेकिन देवसर प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता के कारण शासकीय भूमि से आज तक अतिक्रमण नहीं हट पाया है.
शासकीय विद्यालय से सटी है भूमि
ग्राम पंचायत बंधा की ग्राम चहली की जिस शासकीय आराजी से अतिक्रमण हटाने का आदेश किया गया था। वहां प्राथमिक और माध्यमिक शालायें भी स्थित हैं.जिससे शालाओं के अस्तित्व पर भी खतरा बना हुआ है.अतिक्रमण कारी धर्मेंद्र सिंह चौहान इन 10 वर्षों में वहां कच्चे पक्के मकान का निर्माण कर चुका है.अतिक्रमण इतना बढ़ गया कि इसके कारण सामने से आने वाले लोगों को स्कूल का एक भी हिस्सा दिखाई नहीं देता है.
अधिकारियों ने क्या कहा -
इस मामले को लेकर जब नायब तहसीलदार वृत्त सरौंधा दीपेंद्र सिंह तिवारी से बात की गई तो उन्हें भी मामले की ठीक - ठीक जानकारी नहीं थी.हालांकि उन्होंने बताया कि SDM के आदेश के बाद हमने अतिक्रमण हटाने का पत्र जारी किया होगा.ये SDM ने 2015 के आदेश का पालन कराने के लिए लिखा था तब वृत्त सरौंधा में नायब तहसीलदार दीपेंद्र सिंह तिवारी थे.
इस मामले में देवसर तहसीलदार वीरेंद्र पटेल ने का कहना है कि -
"अक्टूबर में SDM साहब ने आदेश दिया था उस समय मैं 02 माह के अवकाश पर था.मामला नायब तहसीलदार की कोर्ट का है क्या दिक्कत है दिखवाता हूं