बाल कुपोषण के कारण सूचकांक में निचले स्थान पर झारखंड और मध्य प्रदेश, हिमाचल टॉप पर

Edited By Vikas kumar, Updated: 27 Aug, 2019 06:53 PM

jharkhand madhya pradesh himachal bottom index due child malnutrition

बच्चों की कुशलता को मापने वाले सूचकांक में झारखंड और मध्य प्रदेश खराब पोषण तथा शिशुओं के जीने की कम दर के कारण निचले पायदान पर है। वहीं सूचकांक में केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर है। बता दें कि सूचकांक का आकलन बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी...

भोपाल: बच्चों की कुशलता को मापने वाले सूचकांक में झारखंड और मध्य प्रदेश खराब पोषण तथा शिशुओं के जीने की कम दर के कारण निचले पायदान पर है। वहीं सूचकांक में केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर है। बता दें कि सूचकांक का आकलन बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी विकास, सकारत्मक संबंध और संरक्षण संबंधी विषयों के आधार पर किया जाता है।

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केरल ने स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षण सुविधाओं में पहला स्थान हासिल किया है। मंगलवार को प्रकाशित 'द चाइल्ड वेल-बीइंग इंडेक्स' रिपोर्ट से तीन मानकों के आधार पर बच्चों की कुशलता, उनकी सेहत को मापा जाता है। गैर सरकारी संगठनों वर्ल्ड विजन इंडिया और आईएफएमआर लीड ने इस सूचकांक को विकसित किया है। वहीं सूचकांक में केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर रहे। नीचले पायदानों पर क्रमश मेघालय, झारखंड और मध्य प्रदेश आए हैं। 

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वर्ल्ड विजन इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक और सीईओ चेरियन थॉमस ने कहा यह रिपोर्ट बच्चों की कुशलता को मापने के लिए बहुआयामी तरीकों को उजागर करती है। इसमें महज गरीबी को ही नहीं मापा जाता, बल्कि उससे परे अन्य मानकों पर भी स्तर मापा जाता है।

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