खंडवा: बारिश के बाद दिखा तबाही का मंजर, लोगों का आरोप- CM को खुश करने के चक्कर में बांध से समय पर नहीं छोड़ा पानी इसलिए आई बाढ़

Edited By meena, Updated: 18 Sep, 2023 12:56 PM

khandwa scene of devastation seen after rain

इंदिरा सागर तथा ओंकारेश्वर बांध के सभी गेट अचानक और एकसाथ खोलने से तीर्थनगरी पानी-पानी हो गई...

खंडवा (निशात सिद्दिकी): इंदिरा सागर तथा ओंकारेश्वर बांध के सभी गेट अचानक और एकसाथ खोलने से तीर्थनगरी पानी-पानी हो गई। नर्मदा से सटी बस्तियों व घरों में पानी भर गया। कई परिवार बेघर हो गए। घर में एक वक्त का भोजन भी नहीं बचा। पीड़ितों ने बांध प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा ओंकार पर्वत पर एकात्म धाम में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लोकार्पण पर सीएम के आगमन को देखते हुए भी बांध प्रबंधन ने समय पर पानी डिस्चार्ज नहीं किया। इसलिए ऐसे हालत बने। उन्होंने कहा इस नुकसान के लिए बांध प्रबंधन व प्रशासन जिम्मेदार है। इधर जिला कलेक्टर ने सफाई दी कि नर्मदा के केचमेंट में अति बारिश की वजह से ओंकारेश्वर डेम के गेट खोलने पड़े।

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मध्यप्रदेश में हुई अति बारिश के बाद अब बर्बादी का मंजर देखने को मिल रहा है। कई घर टूट गए हैं तो कई दुकानों का सारा सामान बाढ़ के पानी में बह गया है। खंडवा स्थित तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भी बाढ़ के बाद तबाही की तस्वीर देखने को मिल रही है। नर्मदा नदी में अचानक आई इस बाढ़ का जिम्मेदार अब लोग जिला प्रशासन और बांध प्रबंधन को ठहरा रहे है। ओंकारेश्वर के स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि यह मानव निर्मित बाढ़ थी। उन्होंने बताया कि ओंकार पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा अनावरण के आयोजन के लिए बांध का पानी रोका गया। जबकि नर्मदा के ऊपरी क्षेत्र में पहले से बारिश हो रही थी।

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स्थानीय लोगों के मुताबिक बांध का पानी इसलिए रोका गया क्योंकि कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए नर्मदा नदी पर एक रपटा बनाया गया है। यह पानी में डूब न जाए इसलिए पानी डेम से छोड़ा नहीं गया। लेकिन जब डेम में बहुत ज्यादा पानी भर गया तो अचानक गेट खोल दिए जिससे बाढ़ की स्थिति बनी। जिसे ओंकारेश्वर में बहुत से लोग बेघर हो गए तो वहीं लोगों की दुकानों में रखा लाखों का सामान भी बह गया।

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इधर इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए जिला कलेक्टर अनूप कुमार ने बताया कि नर्मदा के केचमेंट एरिया में भारी बारिश के चलते ऐसी स्थिति बनी जिस के चलते ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले गए। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर शहर और मंदिर का एरिया बांध के करीब होने से ज्यादा समय नहीं मिलता। राजस्व की टीम भेज कर नुकसान का सर्वे करेंगे। फिलहाल बेघर हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है वहां उनके भोजन की व्यवस्था भी की गई है।

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