Edited By meena, Updated: 08 Jul, 2025 01:51 PM

खैरागढ़ जिले में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है...
खैरागढ़ (हेमंत पाल) : खैरागढ़ जिले में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। श्रम विभाग के निरीक्षक लोकेंद्र वैष्णव और सीएससी संचालक विनोद सिंह राजपूत के बीच पैसों के लेनदेन की बातचीत की ऑडियो वायरल हो गया है। इस ऑडियो में श्रम निरीक्षक प्रभारी मंत्री के दौरे के नाम पर पैसों की मांग कर रहा है, और पैसे नहीं देने पर हितग्राहियों का काम अटकाने की बात सामने आई है।
वायरल ऑडियो में श्रम निरीक्षक कहता है, “मंत्री का दौरा है, आज थोड़ा आवश्यकता था यार।” विनोद जवाब देता है, “सर, पिछला जो है न, मैं उसे देखकर कर देता हूं।” इस पर श्रम निरीक्षक पूछता है, “पिछला कितना था यार, 5000 है न?” विनोद कहता है, “हां सर, 55 का है… शिव के खाते में डाल दूं?” श्रम निरीक्षक फिर कहता है, “हां यार, कर दो… आज दौरा है थोड़ा।” इस पर विनोद कहता है, “ठीक है न सर?” और निरीक्षक जवाब देता है, “ठीक है न।”
इस ऑडियो ने साफ कर दिया है कि सरकारी योजनाओं में लाभ दिलाने के नाम पर विभागीय कर्मचारी ‘कट मनी’ वसूल रहे हैं। शिकायतकर्ता विनोद सिंह राजपूत ने खैरागढ़ एसपी को लिखित शिकायत दी है कि श्रम कार्ड और नोनी सशक्तिकरण योजना में आवेदन करने के बाद भी निरीक्षण के नाम पर पैसे मांगे जा रहे थे। पैसे नहीं देने पर आवेदन निरस्त कर दिए जा रहे थे। विनोद ने आरोप लगाया कि रंजूबाई और शैलेंद्री के आवेदन सिर्फ इस कारण छह से सात बार निरस्त कर दिए गए क्योंकि पैसे नहीं दिए गए थे।
इस मामले में विनोद ने यह भी बताया कि श्रम निरीक्षक ने गंडई के शिवकुमार साहू को पैसे लेने के लिए एजेंट बना रखा था। पैसे शिवकुमार साहू के खाते में डालने के बाद ही योजनाओं के लाभ के लिए आवेदन स्वीकृत किए जाते थे। इस मामले में शिवकुमार साहू ने भी माना कि “मेरे फोन पर किसी का पैसा आता था, जिसे मैं तुरंत साहब के खाते में ट्रांसफर कर देता था। अधिकारी होने के कारण कुछ पूछने की हिम्मत नहीं हुई।”

खैरागढ़ जिले में करीब 500 से अधिक सीएससी सेंटर्स संचालित हैं, जहां जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र, श्रम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज बनाए जाते हैं। पहले से ही शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की शिकायतें आ रही थीं, लेकिन यह वायरल ऑडियो अब साबित कर रहा है कि विभागीय अधिकारी भी इस अवैध वसूली में हिस्सेदार हैं।
अब यह देखना अहम होगा कि जिला प्रशासन इस ‘कट मनी नेटवर्क’ पर कार्रवाई करता है या यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा। मंत्री के नाम पर योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर गरीब और मजदूरों से वसूली करना खैरागढ़ में सरकारी व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब यह मामला सिर्फ एक ऑडियो तक नहीं, बल्कि योजनाओं की पारदर्शिता और गरीबों के हक की लड़ाई बन गया है।