Edited By Devendra Singh, Updated: 27 Nov, 2022 05:38 PM

भारत सरकार ने एक मूल प्रति सिंधिया राजवंश (scindia dynasty) को दी थी। 1950 में सिंधिया राजवंश को मिली ये मूल प्रति सन 1956 में महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई।
ग्वालियर (अंकुर जैन): संविधान दिवस (constitution day 2022) के मौक पर ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी (central library gwalior) खास आकर्षण का केंद्र रहती है। दरअसल 1950 में जब भारत का संविधान (constitution of India) तैयार हुआ था। उस संविधान की एक मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी हुई है। संविधान की इस प्रति में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (dr. rajendra prasad) और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (jawaharlal nehru) सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।
उच्च गुणवत्ता वाले कागज पर लिखा गया है हिंदुस्तान का संविधान
संविधान लागू होने के समय देशभर में कुल 16 मूल प्रतियां जारी की गई थी। भारत सरकार ने एक मूल प्रति सिंधिया राजवंश (scindia dynasty) को दी थी। 1950 में सिंधिया राजवंश को मिली ये मूल प्रति सन 1956 में महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई। लाइब्रेरी में यह प्रति 31 मार्च 1956 में आई थी। यहां के प्रबंधकों का कहना है संविधान का ये कागज बेहत उच्च गुणवत्ता वाला है। जिसकी उम्र 1 हजार साल तक रहेगी। हर साल संविधान दिवस, गणतंत्र दिवस के मौके पर लाइब्रेरी में संविधान की मूल प्रति लोगों के देखने के रखी जाती है। सामान्य तौर पर यह अलमारी में सुरक्षित रहती है। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और संविधान दिवस के मौके पर इसे देखने के लिए काफी लोग आते हैं।
संविधान की मैन कॉपी का डिजिटल वर्ज़न तैयार
संविधान की कॉपी को देखने आने वाले भी इसे अनमोल मानते है। इसके साथ ही उनका कहना है कि इससे हमे देश के गौरवशाली संविधान के बारे में जानने का मौका भी मिलता है। सेंट्रल लायब्रेरी (central library gwalior) में संविधान की मूल प्रति साल में सिर्फ 3 बार देखने के लिए बाहर रखी जाती है। आज के दौर के लिहाज से संविधान की मूल प्रति का डिजिटल वर्ज़न तैयार हो गया है, लायब्रेरी की स्क्रीन पर डिजिटल वर्जन का प्रदर्शन हर वक्त किया जाता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

संविधान की कॉपी की जानकारी-
- संविधान निर्माण के लिए 29 अगस्त 1947 को ड्राफ्टिंग का गठन हुआ
- लगभग दो साल बाद 26 नवंबर 1949 पूर्ण रूप से संविधान तैयार हुआ
- संविधान के निर्माण में कुल 284 सदस्यों का सहयोग रहा
- संसदीय समिति ने 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया।
- उस समय संविधान की 16 मूल प्रतिया बनाई गई थी