Edited By meena, Updated: 10 Jun, 2025 08:23 PM

रायसेन जिले में किसानों के खेतों में मूंग की बुआई के बाद अब फसल कटौती और घर में सफाई के कार्य शुरू कर दिए...
रायसेन (छोटे लाल) : रायसेन जिले में किसानों के खेतों में मूंग की बुआई के बाद अब फसल कटौती और घर में सफाई के कार्य शुरू कर दिए हैं। वहीं समर्थन मूल्य के इंतजार में किसानों ने घर पर मूंग का भंडारण करना शुरु कर दिया है। बता दें कि बारिश से मूंग की फसल प्रभावित हुई है। भारतीय किसान संघ के जिला मीडिया प्रभारी ने बताया कि उन्होंने ग्राम हरसिली निवासी बुन्देल सिंह ने दो खेतों में 25 किलो और 70 किलो मूंग बोए थे। फसल छोटी थी तब ईल्ली का प्रकोप रहा। दवाइयां का छिड़काव कर जैसे तैसे फसल को बचाया। फिर छिड़काव के समय बारिश हो गई। फलियां बहुत कम लगी। मूंग काटने के समय फिर पानी ने फसल को खराब किया। उत्पादन मात्र 6 क्विंटल मिला और अब सरकार समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य में 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल का अंतर है। समर्थन मूल्य पर मूंग नहीं खरीदा तो किसान संघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा।
गलत प्रोडक्ट पर रोक लगाना चाहिए
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्का ने बताया कि मूंग खरीदी की सरकारी खरीदी न होने के कारण किसानों को अपना मूंग सस्ते में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिस विडीसाइड का बहाना बनाकर सरकार पल्ला झाड़ रही है। क्या यही मूंग व्यापारी खरीद लेंगे उसके बाद में उसे बाजार में बेचा नहीं जाएगा, इसकी क्या गारंटी है। विडीसाइड कंपनियों से सरकार टैक्स लेती है। जब किसान की बात आती है तो बहाना बनाया जाता है। अगर कोई प्रोडक्ट सही नहीं है तो सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए।
2023 में 1466 किसानों का हुआ था पंजीयन
2023 में 2560 हेक्टेयर में लगाई गई थी मूंग।
2023 में 780 किसानों ने बेची थी मूंग की फसल।
2023 में 1047 मीट्रिक टन मूंग की हुई थी खरीदी।
2024 में 2288 किसानों का हुआ था पंजीयन।
2024 में 4127 हेक्टेयर में लगाई गई थी मूंग।
2024 में 1975 किसानों ने बेची थी मूंग